भारतीय रेल द्वारा झारखंड को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जोड़ने वाली महत्वपूर्ण ट्रेन 12873/12874 हटिया–आनंद विहार झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस का परिचालन तीन महीने के लिए रद्द कर दिया गया है। 1 दिसंबर 2025 से 27 फरवरी 2026 तक ट्रेन का संचालन बंद रहेगा। रेलवे बोर्ड के इस निर्णय को लेकर पूरे झारखंड में नाराजगी देखी जा रही है। वहीं इस मुद्दे ने संसद में भी जोरदार तरीके से आवाज उठाई है।

लोकसभा में पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने नियम 377 के तहत इस ट्रेन को बंद करने के फैसले का विरोध किया और तत्काल इसे वापस लेने की मांग की। सांसद ने कहा कि हर साल सर्दी के मौसम में कोहरे का हवाला देकर ट्रेन का परिचालन रोक दिया जाता है, जबकि यह लाखों यात्रियों की जीवनरेखा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी इसी तरह ट्रेन को रद्द किया गया था, लेकिन जनहित को देखते हुए रेल मंत्री ने हस्तक्षेप कर आदेश वापस ले लिया था।
तीन महीने की बंदी से गढ़वा, पलामू, लातेहार और सोनभद्र के यात्रियों को बड़ा नुकसान
सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि हटिया–आनंद विहार झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस गढ़वा, पलामू, लातेहार (झारखंड) और सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) जैसे आकांक्षी जिलों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन साधन है।
यह ट्रेन न सिर्फ छात्रों और व्यवसायियों के लिए मार्ग आसान बनाती है, बल्कि दिल्ली में उपचार कराने वाले मरीजों के लिए भी यह सबसे भरोसेमंद विकल्प रही है।
सांसद के अनुसार, ऐसे समय जब इन जिलों में आवागमन सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है, रेलवे का इस ट्रेन को बंद करने का निर्णय बिल्कुल अनुचित है। इससे हजारों लोग प्रतिदिन प्रभावित होंगे।
रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड को पत्र भेजकर मांगा निर्णय वापस लेने का आग्रह
सांसद ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार को पत्र लिखकर निर्णय वापस लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन झारखंड के पिछड़े जिलों में विकास, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम है।
उन्होंने लोकसभा में कहा कि रेलवे बोर्ड को तुरंत इस निर्णय को निरस्त कर झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस का परिचालन फिर से शुरू करना चाहिए, ताकि जनता को हो रही कठिनाइयों से राहत मिल सके।
यह जानकारी सांसद के निजी सचिव अलख दुबे ने दी।
इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी संसद में उठाए गए मुद्दे, सांसदों के बयान और रेलवे से संबंधित आधिकारिक सूचनाओं पर आधारित है। ट्रेन परिचालन से जुड़े अंतिम निर्णय रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी यात्रा योजना से पहले भारतीय रेल की आधिकारिक घोषणा अवश्य देखें।
