@Deoghar: तीन तल्ला मकान के ढहने से तीन लोगों की मौत, चार घायल
एनडीआरएफ की टीम ने मलवे में दबे लोगों को निकाला
डीसी,एसपी सहित गोड्डा सांसद ने घटना स्थल पर किया कैम्प
देवघर। नगर थाना अंतर्गत सीता होटल के समक्ष एक पुराने तीन तल्ला भवन के ढहने से एक महिला सहित दो पुरुष की मौत हो गई है जबकि चार लोगों का सदर अस्पताल देवघर में ईलाज चल रहा है।इलाजरत लोगों में एक बारह वर्षीय बच्चा सत्यम कुमार भी शामिल है।
वहीं मरने वालों में मनीष द्वारी उम्र लगभग 48 वर्ष,सुनील यादव 35 वर्ष और उनकी पत्नी सोनी देवी 28 वर्ष शामिल हैं।वहीं घायलों में मृतक सुनील यादव का पुत्र सत्यम कुमार उम्र 12 वर्ष, मृतक मनीष द्वारी की पत्नी अनुपमा द्वारी 42 वर्ष के साथ साथ दिनेश वर्णवाल और उनकी पत्नी मुन्नी देवी शामिल हैं।सभी घायलों का ईलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।
चिकित्सक के अनुसार सभी घायल खतरे से बाहर है। वहीं पूर्व में भवन के मलवे से स्थानीय लोगों ने दो बच्चों को सकुशल बाहर निकाल लिया था।बताते चलें की यह घटना रविवार की सुबह लगभग पांच बजे का बताया जा रहा है।
वहीं घटना के सम्बन्ध में घायल अनुपमा द्वारी ने बताया कि सुबह के समय वे सो कर उठी तो उन्होंने मोबाइल पर समय देखा उस वक्त सवा पांच बज रहा था, अनुपमा देवी का कहना है कि मोबाईल देख ही रही थी उसी वक्त भवन का एक हिस्सा पूरी तरह ढह गया उसके बाद उन्हें कोई होस नहीं है। घटना के सम्बंध में बताया जा रहा है कि मकान मालिक के द्वारा उक्त भवन के निचले तल्ले में जीर्णोद्धार का कार्य करवा जा रहा था जिससे भवन पूरी तरह कमजोर हो गया और यह घटना घटी है।
वहीं घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची और साथ ही जिला के उपायुक्त एसपी आदि भी घटना स्थल पर पहुंचे और एनडीआरएफ की टीम के द्वारा सभी दबे लोगों को निकालने का कार्य प्रारंभ किया गया जो लगभग एक बजे दोपहर तक चला और घायलों को लगातार एम्बुलेंस से सदर अस्पताल भेजा गया जहां चिकित्सकों ने तत्प्रता दिखाते हुए सभी घायलों के ईलाज में जुट गए।
मौके पर सिविल सर्जन रंजन सिन्हा चिकित्सकों को निर्देश देते रहे।घटना की जानकारी पा कर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे भी पहुंचे और राज्य तथा केंद्र के आला अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर सभी को ढांढस बंधवाया।सूत्रों की मानें तो कूल 9 लोग भवन के मलबे के नीचे दबे थे।वहीं सदर अस्पताल का माहौल काफ़ी गमगीन था सभी मृतक और घायलों के परिजन के चीत्कार से भवन गूंज रहा था।
मौके पर जुटे लोगों में जिला प्रशासन खासकर नगर निगम के प्रति काफी नाराजगी दिखी सभी यह कहते देखे गए कि जिला प्रशासन अगर पूर्व में ही शहर के जर्जर भवनों को चिन्हित कर गिरवाने का नोटिस दिया होता तो इस प्रकार की घटना नहीं घटती। निगम क्षेत्र में बहुत से ऐसे मकान है जो काफी पुराने हो चुके हैं अगर समय रहते उन भावनो को चिन्हित कर गिरवाया नहीं गया तो आगे भी इस प्रकार की घटना घट सकती है।