
@Deoghar: झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की आपात बैठक
गलत तरीके से किया गया है 109 एएनएम का स्थानांतरण-मनोज मिश्रा
देवघर। कुष्ठ आश्रम रोड अवस्थित संघ कार्यालय में झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की एक आपात बैठक जिला अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा के अध्यक्षता में आयोजित की गई।जिसमें करीब सैकड़ो कर्मचारी शामिल हुए। मुख्य रूप से सिविल सर्जन द्वारा गलत तरीके से 109 एएनएम के स्थानांतरण के संबंध में चर्चा की गई। सभी ने अपने-अपने विचार रखें और अंत में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर आगे की रणनीति तय की गई।
ज्ञात हो सिविल सर्जन देवघर के पत्रांक 1632 एवं 1633 दिनांक 20/7/24 के द्वारा कल 116 कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया है। देवघर जिले में नियमित रूप से नियुक्त कुल 119 एएनएम है जिसमें से 109 एएनएम का एक साथ सामूहिक स्थानांतरण किया गया है।
झारखंड में आज तक के इतिहास में किसी भी जिले में इतने बड़े पैमाने पर एएनएम का स्थानांतरण नहीं किया गया था। उस पर भी विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में जहां पूरे राज्य से करीब ढाई सौ कर्मचारियों को मेला में स्वास्थ्य सुविधा महिया करने हेतु प्रति नियुक्त किया गया है ,ऐसी स्थिति में श्रावणी मेला के बीच नियमित नियुक्त लगभग सभी एनएमके स्थानांतरण से भयावह स्थिति बनी हुई है और श्रावणी मेला पर इसका दुष्प्रभाव पडने की पूरी संभावना है।
सिविल सर्जन देवघर के पत्रांक 1315, दिनांक 15/6/24 के द्वारा जिले में 5 वर्ष से अधिक समय से पदस्थापित नियमित एएनएम के स्थानांतरण के उद्देश्य से अभ्यावेदन की मांग की गई थी जिस पर सभी एएनएम से तीन पसंदीदा जगह की मांग की गई थी, उसी के आधार पर स्थानांतरण करने का निर्णय लिया गया था।लेकिन उसमें से अभ्यावेदन देने और अभ्यवेदन में दर्शाए गए स्थल के रिक्त रहने के बावजूद भी बहुत सारे कर्मचारी का अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया।
वहीं12 वर्षों से सिविल सर्जन कार्यालय में लगातार पदस्थापित/प्रतिनियुक्त भ्रष्टाचार के आरोपी लिपिक को सिविल सर्जन कार्यालय में ही रखा गया है।इतना ही नहीं बहुत सारे लोगों का 5 किलोमीटर के दायरे में स्थानांतरण किया गया है।वहीं बहुत लोगों को अत्यंत ही सुदूरवर्ती क्षेत्र में भेज दिया गया है।
इतना ही नहीं दो,चार महीने से एक वर्ष के अंतर्गत सेवानिवृत होने वाले कई बुजुर्ग और अस्वस्थ महिला कर्मचारियों को भी दूर के सुदरवर्ती क्षेत्र में स्थानांतरण कर दिया गया है।जबकि लगातार12 वर्ष से सिविल सर्जन कार्यालय में जमे अनगिनत भ्रष्टाचार के आरोपी लिपिक को 5 किलोमीटर के अंदर स्थानांतरित किया गया है।
सिविल सर्जन के कार्यालय के पत्रांक 1633 दिनांक 20 /07/24 के द्वारा भी कुछ कर्मियों का स्थानांतरण अभ्यावेदन के आधार पर किया गया है जबकि अधिकतर अभ्यावेदन देने वाले कर्मचारियों को बहुत दूर भेज दिया गया है और नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। एनएचएम के तहत अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों को भी नहीं बख्शा गया है और उनका भी स्थानांतरण किया गया है।जबकि उनकी नियुक्ति निर्धारित स्थल के लिए हुई है और स्वास्थ्य सचिव का स्पष्ट आदेश है कि उन कर्मचारियों का अन्यत्र स्थानांतरण नहीं किया जाए।
इन सभी विषयों पर सिविल सर्जन देवघर को एक पत्र लिखकर स्थानांतरण को रद्द करने की मांग की गई है और पत्र की प्रतिलिपि निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सचिव, उपायुक्त देवघर, आरक्षी अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, थाना प्रभारी सहित अन्य को भी देते हुए 3 दिन के अंदर स्थानांतरण को रद्द नहीं करने की स्थिति में दिनांक 25 /7/24 को सिविल सर्जन कार्यालय का घेराव करते हुए रोष पूर्ण धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया और इसके साथ-साथ ही इस स्थानांतरण आदेश को रद्द करवाने के उद्देश्य से जल्द न्यायालय जाने की भी तैयारी करने की बात कही गई है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से संगठन के राज्य उपाध्यक्ष और अरूण कापरी, जिला सचिव अरुण प्रसाद यादव, संघर्ष मंत्री सौरभ कुमार, अनुबंध एएनएम संघ की जिला अध्यक्ष अलका कुमारी, संयुक्त सचिव संजीव कुमार मिश्रा सहित सभी स्थानांतरित महिला एएनएम मौजूद रही।