
Deoghar: किसी अनजान नंबर से इंटरनेट कॉल या वीडियो कॉल आता है तो सावधानी बरतें या ऐसे अनजान कॉल को इग्नोर करे।
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री विशाल सागर ने डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) से जुड़ी जानकारी और बचाव को लेकर जिलावासियों को जागरूक करते हुए जानकारी दी है कि डिजिटल अरेस्ट एक साइबर फ्रॉड है, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले लोग आपको अनजान नंबर से कॉल या वॉट्सएप करते हैं।
कॉल पर ठग पुलिस, सीबीआई, ट्राई कर्मचारी, नारकोटिक्स, आरबीआई और कस्टम अधिकारी बनकर आत्मविश्वास से बात करते हैं। वॉट्सएप या स्काइप पर वीडियो कॉल करने को कहते हैं, जहां फर्जी अधिकारियों का एकदम असली सा सेटअप नजर आता है।
इसके अलावा ये फर्जी अधिकारी पीड़ित को इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं। वे आपको बताते हैं कि आप क्रिमिनल हैं। या कहते हैं कि आपके आधार कार्ड/मोबाइल नंबर का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो रहा है।
सामने बैठा व्यक्ति पुलिस जैसी दिखने वाली वर्दी में होता है, ऐसे में ज्यादातर लोग डर जाते हैं और उनके जाल में फंसते चले जाते हैं। आसान भाषा में कहा जाए तो डिजिटल अरेस्ट में फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को डरा-धमकाकर रकम वसूली करना है।
ऐसे में आवश्यक है कि जैसे हम असली दुनिया में खुद की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं, ठीक उसी तरह वर्चुअल वर्ल्ड (काल्पनिक दुनिया) में भी खुद को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरते। साथ ही ऐसा किसी तरह का कॉल आने पर इसकी सूचना तुरंत अपने नजदीकी थाने या 1930 डायल कर पुलिस को अवगत कराएं।
वही डिजिटल अरेस्ट की पहचान करने और बचने के लिए सतर्कता जरूरी है। अगर आपके पास किसी अनजान नंबर से कोई फोन, वॉट्सएप कॉल या वीडियो कॉल आता है तो कॉल पर बात करते वक्त घबराए नही सावधानी बरतें या ऐसे अनजान कॉल को इग्नोर करें।