
Deoghar: कब मिलेगी देवघर वासियों को सड़कों पर जाम की समस्या से राहत, नो एंट्री जोन में भी दिन भर चलता है ट्रक और हाईवे।
देवघर। शहर में नो इंट्री में ट्रक व ट्रेलरों के प्रवेश से हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। तेज गति से चलने वाले इन ट्रक, हाइवा व ट्रेलर की चपेट में आने से शहरी इलाके में कई लोगों की जान जा चुकी है।
वहीं कई लोग अपने शरीर का अंग गंवा चुके हैं। हर बार दुर्घटना के बाद आम लोग नो इंट्री में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का मुद्दा उठाते हैं, लेकिन इसकी सुनवाई नहीं होती है। शहर में दोपहर के समय ट्रक का प्रवेश भीड़ भाड़ वाले इलाके में होने से ज्यादातर दुर्घटनाएं हुई हैं।
दोपहर में बैजनाथपुर, महेशमारा व बंधा रोड में ट्रक की चपेट में आकर ही तीन लोगों की मौत हो चुकी है। दोपहर में भुरभुरा मोड़ पर भी ट्रक की चपेट में आने से मीट व्यवसायी की मौत हो गयी थी। खिजुरिया मोड़ पर ट्रक की चपेट में आकर कार सवार की मौत हो गयी थी।
रोहिणी के परमेश्वर चौक पर भी ट्रक के धक्के से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी। सर्कुलर रोड में रामपुर व देवघर कॉलेज के पास ट्रक घर में घुस गया था, हालांकि इस घटना में लोग बाल-बाल बच गये थे।
हर रोज ट्रक, हाइवा व बड़े बड़े ट्रेलर चौक-चौरहों से तेज गति से गुजरते हैं।स्कूल की छुट्टी के बाद जब बच्चे साइकिल व पैदल गुजरते हैं, तो दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। रात में तो यह बड़ी गाड़ियां घनी आबादी वाले सड़कों से इतनी तेज गति से गुजरती है कि अगर सड़क किनारे लोगों के घर में घुस जाये, तो कई लोगों की जान जा सकती है।
जानकारी हो कि वर्ष 2015 में देवघर-दुमका रोड स्थित डुमरथर के पास ट्रक से स्कॉर्पियो की टक्कर में चार बच्चे समेत 12 लोगों की मौत हो गयी थी, जिसके बाद तत्कालीन एसडीओ ने सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक शहरी इलाके में ट्रक, हाइवा व ट्रेलर के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। लॉकडाउन तक यह व्यवस्था बनी हुई थी। लॉकडाउन के बाद बेरोकटोक शहर में ट्रकों का प्रवेश जारी है।
इससे अव्यवस्था शहर में बढ़ रही है। अक्सर भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाम की स्थिति बन रही है। बैजनाथपुर से महेशमारा व रांगा मोड़ तक तो दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है।