
Deoghar : आधार के तर्ज पर बहुत जल्द बनने वाली है किसानों की फार्मर आईडी, बार बार KYC का झंझट होगा खत्म! पढ़े पूरी डिटेल्स।
देवघर। आधार कार्ड की तरह ही, फार्मर आईडी किसानों की पहचान का डिजिटल माध्यम होगा। इसका उपयोग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, और कृषि से संबंधित अन्य योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किया जाएगा। इस पहचान पत्र में किसानों की भूमि, पशुधन, फसल की जानकारी, और अन्य डिटेल्स शामिल होंगे।
किसानों के लिए जल्द ही एक नई पहचान प्रणाली लॉन्च की जाएगी, जो आधार के तर्ज पर होगी। इस “फार्मर आईडी” के जरिए किसानों को बार-बार KYC प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं और लाभों का फायदा बिना किसी रुकावट के मिलेगा। इस प्रणाली से किसानों की पहचान और उनके डेटा को सुरक्षित और सरल तरीके से प्रबंधित किया जा सकेगा।
बार-बार KYC की झंझट होगी खत्म
सरकार की इस नई पहल से किसानों को बिना रुकावट काफी मदद मिलने वाली है। फार्मर आईडी बनने के बाद किसानों को बार-बार KYC कराने की आवश्यकता नहीं होगी। एक बार यह पहचान पत्र बनने के बाद, सभी योजनाओं का लाभ आसानी से लिया जा सकेगा।
आइए जानते हैं डिजिटल कृषि मिशन’ की महत्व
कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ‘डिजिटल कृषि मिशन’ की शुरुआत की है। इस पर 2,817 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत: एग्री स्टैक का विकास: कृषि से संबंधित सभी जानकारी को डिजिटली संग्रहीत किया जाएगा।
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI): यह आधार कार्ड की तर्ज पर किसान पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया को सुगम बनाएगा।
पूरा कृषि डेटा: किसानों की भूमि, फसल, और अन्य जानकारी को प्रमाणित किया जाएगा।
राज्यों के साथ अहम साझेदारी
अब तक 19 राज्यों ने इस योजना के लिए कृषि मंत्रालय के साथ समझौता किया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के एक-एक जिले में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया है। बिहार के छह जिलों में फार्मर आईडी बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। अब तक 30 लाख फार्मर आईडी बनाए जा चुके हैं। सरकार ने अगले दो वर्षों में देश भर में डिजिटल फसल सर्वेक्षण शुरू करने की योजना बनाई है।
किसानों के लिए कैसे है लाभकारी?
सभी योजनाओं का एक प्लेटफॉर्म: फार्मर आईडी के माध्यम से किसान सभी योजनाओं का लाभ एक ही जगह से उठा सकेंगे।
डिजिटलीकरण का फायदा: कृषि से संबंधित सभी डेटा एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा, जिससे योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।