
13 साल की बच्ची का पंजा थ्रेसर में कटा, जोधपुर AIIMS के डॉक्टरों ने 10 घंटे की सर्जरी में फिर से जोड़ा
जोधपुर | मेहनत की रोटी के लिए खेतों में काम कर रही 13 साल की बच्ची के साथ दर्दनाक हादसा हो गया। थ्रेसर मशीन में उसका हाथ फंस गया और पंजा कटकर अलग हो गया। लेकिन जोधपुर एम्स के डॉक्टरों ने उसे नया जीवन दे दिया। 10 घंटे चली जटिल माइक्रो सर्जरी के बाद उसका पंजा दोबारा जोड़ दिया गया है और अब उसमें मूवमेंट भी शुरू हो गया है।
यह हादसा बाड़मेर जिले में हुआ, जहां खेत में काम करते समय बच्ची का हाथ अचानक थ्रेसर मशीन की चपेट में आ गया। परिजन तत्काल बच्ची को लेकर जोधपुर एम्स पहुंचे। डॉक्टरों ने बिना वक्त गंवाए ऑपरेशन की तैयारी शुरू की।
मेडिकल चमत्कार से कम नहीं:
एम्स के प्लास्टिक सर्जरी विभाग की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह की सर्जरी में समय के साथ-साथ तकनीक की भी बड़ी भूमिका होती है। बच्ची के कटे हुए पंजे में रक्त संचार, नसों की जुड़ाई और मांसपेशियों को फिर से जोड़ना बेहद चुनौतीपूर्ण था।
बच्ची अब खतरे से बाहर है और रिकवरी की ओर बढ़ रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि आगे भी फिजियोथेरेपी और नियमित इलाज से बच्ची अपने हाथ का उपयोग सामान्य रूप से कर सकेगी।
गांव वालों ने कहा – “बच्ची को दूसरा जीवन मिला है।”
परिजनों और गांव वालों ने डॉक्टरों का आभार जताते हुए कहा कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। इस हादसे ने जहां सबको हिला दिया, वहीं डॉक्टरों की टीम ने उम्मीद और मानवता का नया संदेश दिया है।