दिल्ली के निजामुद्दीन में हुमायूं के मकबरे में हादसा: दीवार का हिस्सा गिरा, 6-7 लोग मलबे में दबे ASI ने की जांच शुरू, परिसर को आम लोगों के लिए बंद किया गया

दिल्ली के निजामुद्दीन में हुमायूं के मकबरे में हादसा: दीवार का हिस्सा गिरा, 6-7 लोग मलबे में दबे
ASI ने की जांच शुरू, परिसर को आम लोगों के लिए बंद किया गया

नई दिल्ली। दिल्ली के ऐतिहासिक हुमायूं के मकबरे (Humayun’s Tomb) में बड़ा हादसा हो गया। परिसर के अंदर बने एक पुराने कमरे की दीवार का हिस्सा अचानक गिरने से अफरातफरी मच गई। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक इस हादसे में करीब 6 से 7 लोग मलबे के नीचे दब गए। सभी को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

कैसे हुआ हादसा

गवाहों के मुताबिक यह हादसा दोपहर करीब 2 बजे हुआ, जब स्मारक में स्थानीय लोग और पर्यटक घूम रहे थे। परिसर के अंदर एक कमरा है, जिसकी दीवारें काफी पुरानी और जर्जर हो चुकी थीं। अचानक दीवार का ऊपरी हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा और वहां मौजूद लोग मलबे में दब गए।

रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची

सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल और एनडीआरएफ (NDRF) की टीम मौके पर पहुंच गई। स्थानीय लोगों की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू हुआ। अब तक 3 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी लोगों को निकालने का प्रयास जारी है।

पीड़ितों में मजदूर और पर्यटक शामिल

अधिकारियों के मुताबिक हादसे के समय उस हिस्से में कुछ मजदूर मरम्मत कार्य के लिए मौजूद थे, साथ ही कुछ पर्यटक भी दीवार के पास खड़े थे। मलबे में दबे लोगों में मजदूरों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है।

ASI ने हादसे की जांच शुरू की

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India – ASI) के अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच में दीवार के कमजोर होने और बारिश से नमी बढ़ने के कारण ढहने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल पूरे परिसर को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है और प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

हुमायूं का मकबरा – यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल

हुमायूं का मकबरा भारत के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और इसे 1993 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह 16वीं सदी की मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है और हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं।

स्थानीय लोगों में चिंता

स्थानीय लोगों और इतिहासकारों ने हादसे पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर स्मारक की संरचना समय-समय पर मेंटेन न की जाए, तो ऐसे हादसे भविष्य में बढ़ सकते हैं। कई हिस्सों में दरारें और नमी देखी जा सकती हैं, जिन्हें जल्द ठीक करने की जरूरत है।

बारिश से और बिगड़ी हालत

पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में लगातार बारिश हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी इमारतों की दीवारों में नमी और सीलन से ढहने का खतरा बढ़ जाता है। हुमायूं के मकबरे में भी कई जगह पानी भरने और रिसाव की समस्या पहले दर्ज हो चुकी है।

सरकार ने दिए मरम्मत के आदेश

दिल्ली सरकार और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने घटना को गंभीरता से लेते हुए ASI को त्वरित मरम्मत और संरचना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की गई है।

यह हादसा एक बार फिर से याद दिलाता है कि ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा केवल पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि वहां काम करने और घूमने आने वाले लोगों की जान की रक्षा के लिए भी जरूरी है। पुरानी संरचनाओं का नियमित निरीक्षण, समय पर मरम्मत और सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य है।

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