
अभी देश के 30 मुख्यमंत्री मिलाकर ₹1,632 करोड़ की संपत्ति रखते हैं, जिनकी औसत संपत्ति ₹54.42 करोड़ है। इस सूची में दो सीएम—चंद्रबाबू नायडू और पेमा खांडू—“अरबपति” श्रेणी में शामिल हैं ।
1. कुल और औसत संपत्ति का विवरण:
ADR और National Election Watch की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 मुख्यमंत्रियों की कुल संपत्ति ₹1,632 करोड़ है, और औसत संपत्ति ₹54.42 करोड़ प्रति मुख्यमंत्री है ।
2. सबसे अमीर मुख्यमंत्री:
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शीर्ष स्थान हासिल किया, जिनकी कुल संपत्ति ₹931 करोड़ से अधिक है। इनमें ₹810 करोड़ से ज्यादा चल संपत्ति और ₹121 करोड़ से अधिक अचल संपत्ति शामिल है ।
दूसरा स्थान अर्जुनाचल प्रदेश के पेमा खांडू का है, जिनकी संपत्ति ₹332 करोड़ से अधिक दर्ज़ की गई, जिसमें चल और अचल संपत्ति लगभग समान मात्रा में हैं ।
3. सबसे गरीब मुख्यमंत्री:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे कम संपत्ति रखने वाली हैं, जिनकी घोषणा की गई संपत्ति मात्र ₹15.38 लाख के लगभग है और उन्होंने कोई अचल संपत्ति नहीं दर्ज़ की है ।
4. अन्य कम संपत्ति वाले सीएम:
जम्मू एवं कश्मीर के ओमर अब्दुल्ला—₹55.24 लाख (मात्र चल संपत्ति)
केरल के पिनारायि विजयन—₹1.18 करोड़ (चल + अचल) ।
5. रिपोर्ट का स्रोत और महत्व:
यह रिपोर्ट 22–23 अगस्त 2025 को ADR और National Election Watch द्वारा तैयार की गई है और सभी मुख्यमंत्रियों द्वारा चुनावों से पहले दी गई शपथपत्र (affidavits) पर आधारित है। इसका उद्देश्य राजनीतिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना और नागरिकों को उनके नेताओं की वित्तीय स्थिति से अवगत कराना है ।
6. रिपोर्ट की सामाजिक
भारत में नेताओं की संपत्ति में भारी असमानता इस बात को दर्शाती है कि राजनीतिक क्षेत्र में आर्थिक स्थिति का कितना बड़ा असर हो सकता है। यह रिपोर्ट बजट, चुनावी खर्च और उम्मीदवारों की आर्थिक पारदर्शिता पर बहस को नई दिशा दे सकती है।
ADR रिपोर्ट एक चिंतनीय तस्वीर पेश करती है—एक ओर कुछ मुख्यमंत्रियों की अरबों की संपत्ति, वहीं दूसरी ओर कुछ के बेहद सीमित संसाधन। यह भारतीय लोकतंत्र में आर्थिक असमानता और पारदर्शिता की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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• ADR की इतिहास और भूमिका
• संपत्ति वृद्धि के रुझान (पिछले वर्षों में)
• पूरा राज्यवार विवरण
• विशेषज्ञ या राजनीतिक विश्लेषकों की प्रतिक्रियाएँ
• आगामी चुनावी समय में इसका प्रभाव