
देश में बढ़ते तनाव, अवसाद और आत्महत्या के मामलों को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली ने एक बड़ा कदम उठाया है। संस्थान ने छात्रों की मानसिक सेहत को बेहतर बनाने और आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के उद्देश्य से एक खास एआई-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है। इस ऐप का नाम है ‘नेवर अलोन’।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए नई पहल
एम्स दिल्ली के विशेषज्ञों का कहना है कि यह ऐप खासतौर पर उन छात्रों के लिए तैयार किया गया है जो पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षाओं और करियर को लेकर अत्यधिक दबाव महसूस करते हैं। ‘नेवर अलोन’ ऐप मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े शुरुआती लक्षणों को पहचानने और समय पर सहायता उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
एआई तकनीक से लैस ऐप
‘नेवर अलोन’ ऐप कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित है। इसमें ऐसे फीचर्स शामिल किए गए हैं जो छात्रों को तनाव, चिंता, अवसाद और अकेलेपन जैसी समस्याओं से निपटने में सहायता करेंगे। ऐप उपयोगकर्ताओं को इंटरैक्टिव गाइडेंस और मेंटल हेल्थ से जुड़े संसाधन उपलब्ध कराता है, ताकि वे मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक और मजबूत बन सकें।
छात्रों के लिए होगा लाभकारी
यह ऐप न केवल छात्रों की मानसिक मजबूती बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर उन्हें विशेषज्ञों से जोड़ने का काम भी करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल से आत्महत्या की प्रवृत्ति में कमी आएगी और युवा वर्ग को स्वस्थ मानसिक जीवन जीने की प्रेरणा मिलेगी।
समाज के लिए सकारात्मक कदम
आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। प्रतिस्पर्धा, पढ़ाई का दबाव और करियर की चिंता युवाओं को प्रभावित कर रही है। ऐसे में एम्स का यह कदम समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश है कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए।
यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। ऐप के उपयोग से संबंधित किसी भी समस्या या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थिति में विशेषज्ञ चिकित्सक या काउंसलर की सलाह लेना जरूरी है। इस खबर का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है।