फरीदाबाद, हरियाणा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (Northern Zonal Council) की 32वीं बैठक की अध्यक्षता की। यह महत्वपूर्ण बैठक कई राज्यों के बीच सुरक्षा, विकास, बुनियादी ढांचे और अंतर-राज्यीय समन्वय के मुद्दों को सुलझाने के उद्देश्य से आयोजित की गई। बैठक की शुरुआत दो हालिया दुखद घटनाओं—दिल्ली में कार बम विस्फोट और जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन विस्फोट में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देकर की गई। गृह मंत्री अमित शाह ने सभी शहीदों और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

बैठक में उत्तरी भारत के राज्यों—हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—के शीर्ष अधिकारियों और मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इस परिषद का मुख्य उद्देश्य राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना, साझा समस्याओं को मिलकर हल करना और केंद्र-राज्य सहयोग को मजबूत करना है।
सुरक्षा मुद्दे बने बैठक का मुख्य केंद्र
दो बड़े आतंकी हमलों के बाद बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, खुफिया तंत्र और आतंकवाद रोधी रणनीति को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। गृह मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उत्तरी राज्यों को खुफिया जानकारी साझा करने में और अधिक तेज़ और सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है, ताकि आतंकवाद और संगठित अपराध जैसी चुनौतियों को समय रहते रोका जा सके। अमित शाह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार आंतरिक सुरक्षा को लेकर शून्य-सहिष्णुता (Zero Tolerance) की नीति पर कायम है। उन्होंने सभी राज्यों को संगठित आपराधिक गिरोह, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और सीमा पार से होने वाली गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा।
दिल्ली और नौगाम विस्फोटों पर विस्तृत चर्चा
बैठक में हाल ही में हुए दिल्ली कार बम विस्फोट और जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन पर हुए धमाके की गहराई से चर्चा की गई। अधिकारियों ने हमलों की प्रारंभिक रिपोर्ट गृह मंत्री के समक्ष रखी। अमित शाह ने कहा कि ऐसे हमले देश की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द को चुनौती देते हैं, इसलिए राज्यों को केंद्रीकृत सुरक्षा तंत्र के साथ मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने संबंधित राज्यों को जांच में तेजी लाने और अपराधियों को कठोर सजा दिलाने का निर्देश दिया।
विकास और बुनियादी ढांचे को लेकर अहम फैसले
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की इस बैठक में सुरक्षा के अलावा जल प्रबंधन, सड़क एवं परिवहन, ऊर्जा वितरण, सीमा विवाद, शहरी विकास और शिक्षा सुधार जैसे विषयों पर भी व्यापक चर्चा की गई।
हरियाणा सरकार ने क्षेत्र में विकसित किए जा रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी, जबकि पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने नदी जल बंटवारे और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दों को उठाया। राजस्थान ने अपनी सीमावर्ती सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
अमित शाह ने कहा कि राज्यों के बीच समन्वय के बिना बड़े विकासात्मक लक्ष्य पूरे नहीं हो सकते। उन्होंने बैठक में पेश किए गए प्रस्तावों पर जल्द ही कार्ययोजना बनाने की बात कही।
दिल्ली-एनसीआर सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन पर विशेष चर्चा
दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने एनसीआर में बढ़ते ट्रैफिक, प्रदूषण, अपराध नियंत्रण और सीमा समन्वय से जुड़ी चुनौतियों का मुद्दा उठाया। परिषद ने इन समस्याओं को हल करने के लिए एक संयुक्त कमेटी बनाने पर भी सहमति व्यक्त की।
अमित शाह ने निर्देश दिया कि दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को और आधुनिक बनाया जाए। उन्होंने पुलिस बलों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने के लिए विशेष सहायता देने की भी घोषणा की।
राज्यों ने प्रस्तुत किए अपने सुझाव
बैठक में सभी राज्यों ने अपनी आवश्यकताएँ और सुझाव गृह मंत्री के समक्ष रखे। जम्मू-कश्मीर ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण तेज़ करने का मुद्दा उठाया, जबकि लद्दाख ने कठोर जलवायु में जीवन-यापन और प्रशासनिक चुनौतियों पर चर्चा की। अमित शाह ने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार सभी राज्यों के विकास कार्यों को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाएगी। 32वीं उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक कई अहम निर्णयों और समझौतों के साथ संपन्न हुई। बैठक ने न केवल सुरक्षा मुद्दों पर मजबूत रणनीति बनाई, बल्कि विकास और अंतर-राज्यीय सहयोग के नए रास्ते भी खोले। अमित शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य एक साथ मिलकर काम करेंगे तो उत्तरी भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकता है।
बैठक के अंत में सभी प्रतिनिधियों ने एक बार फिर दिल्ली और नौगाम विस्फोट में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया।
