बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। मोकामा से जदयू (JDU) प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह को पुलिस ने दुलारचंद यादव हत्याकांड में गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी बिहार चुनावी माहौल के बीच एक बड़ा झटका मानी जा रही है। दुलारचंद यादव की हत्या के बाद से ही यह मामला राजनीतिक और आपराधिक दोनों रूप से चर्चा में था, और अब अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
गिरफ्तारी कैसे हुई
जानकारी के अनुसार, पुलिस की एक विशेष टीम ने पटना और मोकामा के बीच गुप्त सूचना के आधार पर अनंत सिंह को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ धारा 302 (हत्या), 120B (षड्यंत्र) और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज था। इससे पहले भी अनंत सिंह कई बार आपराधिक मामलों में सुर्खियों में रहे हैं।
क्या है दुलारचंद यादव हत्याकांड
गौरतलब है कि कुछ हफ्ते पहले मोकामा के दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद इलाके में तनाव फैल गया था। मृतक के परिजनों ने FIR में सीधे अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया था। पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन ने जांच को अनंत सिंह तक पहुंचाया।
पुलिस का बयान
पटना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “दुलारचंद यादव हत्याकांड की जांच में कई ठोस सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर अनंत सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।”
पुलिस अब अनंत सिंह के सहयोगियों और सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ कर रही है।
JDU की मुश्किलें बढ़ीं
अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने JDU के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं, खासकर तब जब चुनावी प्रचार चरम पर है। पार्टी के प्रवक्ताओं ने कहा कि “कानून अपना काम करेगा। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो पार्टी उसे संरक्षण नहीं देगी।”
वहीं विपक्षी दलों — RJD और कांग्रेस — ने इसे JDU के उम्मीदवार चयन पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने प्रत्याशी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
राजनीतिक गलियारों में इस गिरफ्तारी को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है।
RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “नीतीश कुमार ने अपराधियों को टिकट देकर बिहार की राजनीति को शर्मसार किया है। आज जो गिरफ्तारियां हो रही हैं, वो उसी राजनीति का नतीजा है।”
BJP प्रवक्ता ने कहा, “जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं। किसी के भी खिलाफ सबूत होंगे, कार्रवाई होगी। यह कानून का राज है।”
अनंत सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड
अनंत सिंह का नाम बिहार की राजनीति में विवादों से जुड़ा रहा है। वह कई बार जेल जा चुके हैं और उनके खिलाफ दर्जनों आपराधिक मामले चल रहे हैं।
साल 2020 में भी उनके आवास से एके-47 राइफल और ग्रेनेड मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में वे जमानत पर बाहर आ गए थे और अब फिर से एक गंभीर मामले में फंस गए हैं।
परिवार और समर्थकों की प्रतिक्रिया
अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक मोकामा में सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन किया। कई जगहों पर नारेबाजी हुई और बाजार बंद रहे।
उनकी पत्नी ने मीडिया से कहा, “यह राजनीतिक साजिश है। मेरे पति निर्दोष हैं। उन्हें चुनाव में हराने के लिए यह सब रचा गया है।”
आगे क्या होगा
पुलिस ने अनंत सिंह को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। साथ ही SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) बनाई गई है, जो पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी।
अगर अनंत सिंह के खिलाफ हत्या के आरोप साबित होते हैं, तो यह मामला बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है।
चुनावी असर
इस गिरफ्तारी से मोकामा विधानसभा सीट का चुनाव समीकरण बदल सकता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी से विपक्ष को प्रचार का बड़ा मुद्दा मिल गया है। वहीं, JDU को अपने प्रचार में बचाव की मुद्रा अपनानी पड़ सकती है।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि “दुलारचंद यादव की हत्या ने मोकामा में डर का माहौल पैदा कर दिया था। अगर दोषियों को सजा मिलती है तो यह न्याय होगा।” वहीं कुछ लोग इसे “राजनीतिक षड्यंत्र” भी बता रहे हैं।
दुलारचंद यादव हत्याकांड में अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने न केवल राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है बल्कि चुनावी गणित को भी बदलने की संभावना पैदा कर दी है। अब देखना होगा कि जांच में क्या नया मोड़ आता है और बिहार की राजनीति इस गिरफ्तारी से किस दिशा में जाती है।
