
“बेउर जेल से रिहाई के दो दिन बाद अनंत सिंह की सीएम से 15 मिनट की सीक्रेट मुलाकात—क्या फिर होगी मोकामा में ‘बाहुबली’ की वापसी?”
पूर्व “बाहुबली” विधायक अनंत सिंह ने 9 अगस्त 2025 को पटना में अपरिचित तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके सरकारी आवास पर सिर्फ 15 मिनट तक बंद कमरे में मुलाकात की। इस अचानक और गुप्त मुलाकात ने बिहार की राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। मीडिया के सवालों से बचते हुए अनंत सिंह तुरंत निकल गए, जिससे राजनीतिक विश्लेषक और विपक्ष दोनों ही पक्षों में सवाल खड़े हो गए।
1. मुलाकात की पृष्ठभूमि और संदर्भ:
हाल ही में बेउर जेल से जमानत पर रिहा हुए अनंत सिंह ने जेल से छुट्टी मिलने के सिर्फ दो दिन बाद—9 अगस्त को—सीएम नीतीश कुमार से सीएम आवास में मुलाकात की। यह उनकी पहली मुलाकात थी और यह राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।
2. मुलाकात की परिस्तिथि और समय:
मिली जानकारी के अनुसार, यह मुलाकात लगभग 15 मिनट तक रहनी थी। इसमें मुख्यमंत्री ने उनके हालचाल का हाल पूछा और अनंत सिंह ने अपनी कुशलक्षेम की जानकारी दी। मुलाकात के बाद अनंत सिंह ने मीडिया से कोई बात नहीं की और सीधे घर लौट गए।
3. राजनीतिक मकसद:
इस मुलाकात के दौरान अनंत सिंह ने स्पष्ट रूप से मोकामा विधानसभा क्षेत्र से JDU टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई और मुख्यमंत्री से आशीर्वाद मांगा। यह कदम बिहार की आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी सक्रिय वापसी की ओर संकेत करता है।
4. विपक्ष के तीखे तेवर:
RJD नेता तेजस्वी यादव ने इस मुलाकात पर तीखा हमला किया, उन्होंने कहा—“ये लोग केवल AK-47 की भाषा समझते हैं।” तेजस्वी ने आरोप लगाया कि वही सरकार जो अपराधियों को पकड़ती है, बाद में उन्हें छुड़ाती भी है—एक व्यंग्यात्मक लेकिन जुबानी मारक बयान।
5. राजनीतिक समीकरण और असर:
अनंत सिंह की वापसी उनके प्रभाव क्षेत्र मोकामा में चुनावी राजनीति को पुनः सक्रिय कर सकती है।
JDU को यह चेहरा दुबारा मिलने से सीट बंटवारे और गठबंधन रणनीति में बदलाव आ सकता है।
विपक्षी महागठबंधन में यह कदम नई चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है।
6. आगे की राजनीति की दिशा:
आगामी चुनावों में मोकामा से अनंत सिंह की प्रत्याशी संभावना बढ़ी दिख रही है।
संभावना है कि JDU “बाहुबली चेहरों” को फिर से अपनी चुनावी ताकत के रूप में इस्तेमाल करे।
विपक्षीय दलों के लिए इस कदम को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल होगा।
अनंत सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच बिना मीडिया के शामिल इस 15-मिनट की गुप्त मुलाकात को बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा सकता है। यह मुलाकात न केवल मोकामा सीट पर JDU की ताकत बढ़ा सकती है, बल्कि यह चुनावी रणनीतियों और गठबंधन समीकरणों में बड़े बदलाव का संकेत भी हो सकती है। विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया इस राजनीतिक समीकरण की संवेदनशीलता को दर्शाती है।