
अनिल अंबानी को 17 हजार करोड़ के लोन फ्रॉड केस में ED का समन, 5 अगस्त को पूछताछ के लिए पेश होंगे
Meta Description:
रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ₹17,000 करोड़ के लोन फ्रॉड केस में पूछताछ के लिए तलब किया है। जानिए पूरा मामला और अब तक की कार्रवाई।
मुंबई।प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को ₹17,000 करोड़ के कथित लोन फ्रॉड केस की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए समन जारी किया है। यह मामला देश के सबसे चर्चित और हाई-प्रोफाइल मामलों में से एक बनता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अनिल अंबानी को 5 अगस्त 2025 को मुंबई स्थित ईडी दफ्तर में पेश होने को कहा गया है, जहां उनसे इस बड़े आर्थिक अपराध से जुड़े सवालों पर पूछताछ की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
ED जिन आरोपों की जांच कर रही है, वह सार्वजनिक और निजी बैंकों द्वारा रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब ₹17,000 करोड़ के लोन से संबंधित है। ये लोन बाद में एनपीए (Non Performing Assets) में तब्दील हो गए, यानी कंपनियों ने समय पर ऋण नहीं चुकाया। ईडी को संदेह है कि इस लोन का उपयोग तय प्रक्रिया और नियमों के विरुद्ध किया गया।
सूत्रों के अनुसार, यह फंड अलग-अलग कंपनियों और खातों के माध्यम से रूट किए गए। जांच एजेंसी इस बात की तह में जाना चाहती है कि क्या यह जानबूझकर किया गया फ्रॉड था और क्या इसमें मनी लॉन्ड्रिंग की संभावनाएं हैं।
ED की अब तक की कार्रवाई
ईडी ने इस केस में पिछले कुछ महीनों में कई दस्तावेज जुटाए हैं और कई बैंक अधिकारियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और रिलायंस ग्रुप से जुड़े कर्मचारियों से पूछताछ की है। अब जांच का दायरा रिलायंस ग्रुप के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच गया है, जिसके चलते अनिल अंबानी को समन जारी किया गया।
यह पहली बार नहीं है जब अनिल अंबानी किसी जांच एजेंसी के रडार पर आए हैं। इससे पहले भी कुछ मामलों में उनसे पूछताछ की जा चुकी है, हालांकि वे अभी तक किसी मामले में दोषी नहीं पाए गए हैं।
अनिल अंबानी की प्रतिक्रिया?
अब तक अनिल अंबानी या उनके प्रतिनिधियों की ओर से इस समन पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। रिलायंस ग्रुप की ओर से भी इस मामले पर चुप्पी साधी गई है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अंबानी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए 5 अगस्त को ईडी के सामने पेश होंगे।
मामला क्यों है अहम?
1. बड़ी रकम: ₹17,000 करोड़ की राशि देश के बैंकिंग सिस्टम के लिए एक बड़ी चूक मानी जा रही है।
2. टॉप इंडस्ट्रियलिस्ट इन्वॉल्वमेंट: अनिल अंबानी जैसे हाई-प्रोफाइल कारोबारी का नाम सामने आना इस मामले को और संवेदनशील बना देता है।
3. बैंकों पर सवाल: क्या बैंकों ने उचित ड्यू डिलिजेंस किए बिना इतनी बड़ी रकम का लोन दिया?
आगे की कार्रवाई क्या हो सकती है?
अगर अनिल अंबानी से पूछताछ में मनी लॉन्ड्रिंग या किसी आपराधिक साजिश के सबूत मिलते हैं, तो ईडी अगला कदम उठा सकती है। इसमें संपत्तियों की कुर्की, अकाउंट्स को फ्रीज़ करना और अदालत में चार्जशीट दाखिल करना शामिल हो सकता है।
वहीं, अगर जांच में सहयोग मिलता है और कोई आपराधिक प्रमाण नहीं मिलते, तो मामला बंद भी किया जा सकता है।
क्या कहते हैं कानूनी विशेषज्ञ?
कानून विशेषज्ञों का मानना है कि ED की पूछताछ का मतलब सीधे-सीधे दोष सिद्ध होना नहीं है। यह जांच का हिस्सा है जिसमें ईडी आरोपों की पुष्टि या खंडन के लिए सवाल-जवाब करता है।
अनिल अंबानी को ईडी का समन एक बड़ा घटनाक्रम है, जो देश के कॉरपोरेट और बैंकिंग जगत में हलचल मचा रहा है। अब सबकी नजरें 5 अगस्त पर टिकी हैं, जब अंबानी ईडी के सामने पेश होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच एजेंसी को इस हाई-प्रोफाइल पूछताछ से क्या हासिल होता है।