
क्या हम वाकई इस अनंत ब्रह्मांड में अकेले हैं? यह सवाल वर्षों से वैज्ञानिकों और आम लोगों के ज़हन में घूमता रहा है। लेकिन अब नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है जिसने इस सवाल का उत्तर “शायद नहीं” में बदल दिया है।
नासा ने हाल ही में 35 प्रकाशवर्ष दूर स्थित एक तारा प्रणाली में एक ऐसा ग्रह खोजा है, जो कई मायनों में हमारी पृथ्वी जैसा है। यह ग्रह “LHS 475b” या “L 98-59 f” के नाम से पहचाना जा रहा है, और वैज्ञानिकों को इसमें जीवन के अनुकूल परिस्थितियां होने की संभावनाएं नज़र आ रही हैं। इसका मतलब यह हो सकता है कि भविष्य में मानव जाति के लिए यह एक वैकल्पिक घर बन सकता है — या फिर वहां पहले से ही कोई और मौजूद हो!
कहां है यह नया ग्रह?
यह ग्रह हमारे सौरमंडल से लगभग 35 प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित है और एक तारे की परिक्रमा कर रहा है जो हमारे सूर्य से थोड़ा छोटा और ठंडा है। वैज्ञानिकों ने इसे L 98-59 प्रणाली के अंतर्गत रखा है, जिसमें पहले से ही कई ग्रहों की पहचान हो चुकी है। लेकिन “L 98-59 f” को लेकर उत्साह इसलिए अधिक है क्योंकि यह ज़ोन में मौजूद है जहां पानी तरल रूप में मौजूद हो सकता है — जो कि जीवन के लिए सबसे ज़रूरी शर्त मानी जाती है।
कैसे हुई खोज?
इस खोज का श्रेय जाता है नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) मिशन को। TESS ने ग्रह के तारे के सामने से गुजरने के दौरान होने वाले प्रकाश में बदलाव को रिकॉर्ड किया। इस पद्धति को “ट्रांजिट मेथड” कहा जाता है, जो यह बताने में मदद करती है कि कोई ग्रह वहां है या नहीं।
बाद में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से इस ग्रह के वायुमंडल और सतह के बारे में और अधिक जानकारी जुटाई गई। प्रारंभिक संकेतों के अनुसार, इसमें पत्थरीली सतह हो सकती है और वातावरण भी पृथ्वी से मेल खाता है।
जीवन की संभावनाएं?
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह पर जीवन होने की संभावनाएं पूरी तरह खारिज नहीं की जा सकतीं। हालांकि अभी तक वहां किसी जैविक गतिविधि या एलियन जीवन के ठोस सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन वहां के तापमान, वायुमंडल और जल की मौजूदगी की संभावना, इसे “ह्यूमन्स के लिए संभावित घर” की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देती है।
यही कारण है कि वैज्ञानिकों का ध्यान अब इस दिशा में केंद्रित हो गया है कि आने वाले वर्षों में इस ग्रह की और गहराई से जांच की जाए।
क्या भविष्य में वहां जाना संभव होगा?
35 प्रकाशवर्ष की दूरी भले ही सुनने में बहुत ज़्यादा लगे, लेकिन खगोलशास्त्र के लिहाज़ से यह दूरी बेहद कम है। अगर वैज्ञानिकों को इस ग्रह पर जीवन या जीवन के अनुकूल वातावरण के ठोस प्रमाण मिलते हैं, तो आने वाले दशकों में मानव मिशन की दिशा में भी सोचा जा सकता है।
हालांकि मौजूदा तकनीक के अनुसार इतने दूर तक मानव या रोबोटिक मिशन भेजना बेहद चुनौतीपूर्ण है। लेकिन नासा, यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) और स्पेसएक्स जैसे संगठन इस दिशा में लगातार प्रगति कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों में उत्साह की लहर
इस खोज से वैज्ञानिक समुदाय में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। खगोलशास्त्री डॉ. एलीसा किन्सग ने कहा, “हमें पहली बार ऐसा लग रहा है कि हम जीवन के सवाल के बिल्कुल करीब पहुंच गए हैं। यह खोज सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि मानवता के भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।”
नासा के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. बिल नेल्सन ने भी इस खोज को “मानव सभ्यता के लिए गेम चेंजर” बताया है।
धरती के बाहर जीवन की खोज – एक ऐतिहासिक प्रयास
धरती से बाहर जीवन की तलाश कोई नई बात नहीं है। दशकों से वैज्ञानिक मंगल ग्रह, बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा और शनि के चंद्रमा टाइटन जैसी जगहों पर जीवन की संभावनाएं खोजते आ रहे हैं। लेकिन यह पहली बार है जब हमें किसी ऐसे ग्रह का संकेत मिला है जो पृथ्वी के इतने करीब है और जीवन के लिए अनुकूल भी हो सकता है।
क्या ब्रह्मांड में और भी ‘हम’ हैं?
L 98-59 f की खोज एक नई उम्मीद की किरण की तरह है। यह सवाल कि “क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं?” अब पहले से कहीं ज़्यादा प्रासंगिक और रोमांचक बन गया है।
भले ही हमें अभी कोई एलियन नहीं मिला हो, लेकिन यह खोज बताती है कि हम सही रास्ते पर हैं। और हो सकता है, अगले कुछ दशकों में हमें उस सबसे बड़े रहस्य का जवाब मिल जाए जिसे इंसान सदियों से जानना चाहता है — हम अकेले नहीं हैं।