
“घर में अकेले हैं और पड़ा दिल का दौरा? जान बचा सकती हैं ये 5 जरूरी बातें!”
देश में दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। आज के समय में हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। सोचिए, अगर आप घर में अकेले हैं और अचानक दिल का दौरा पड़ जाए, तो क्या करें? क्योंकि इस स्थिति में हर पल कीमती होता है और सही कदम आपकी जान बचा सकते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि आप पहले से जागरूक और तैयार रहें।
यहां हम आपको बता रहे हैं वो 5 जरूरी कदम, जिन्हें तुरंत अपनाकर आप अपनी जान बचा सकते हैं।
1. खुद को शांत रखें और पैनिक न करें
हार्ट अटैक की पहली और सबसे सामान्य प्रतिक्रिया होती है घबराना। लेकिन यही घबराहट आपकी हालत को और बिगाड़ सकती है।
इसलिए अगर आपको सीने में तेज दर्द, भारीपन, पसीना आना, चक्कर या उलझन महसूस हो रही है, तो सबसे पहले खुद को शांत करने की कोशिश करें। गहरी सांस लें और खुद को दिलासा दें कि आप मदद के लिए तैयार हैं।
घबराहट से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर और बढ़ सकता है, जिससे हालत और भी खराब हो सकती है।
2. तुरंत इमरजेंसी नंबर या किसी करीबी को कॉल करें
अगर आप खुद फोन करने की स्थिति में हैं, तो बिना समय गंवाए 108 (एम्बुलेंस) या अपने किसी भरोसेमंद रिश्तेदार/दोस्त को कॉल करें।
फोन करते समय साफ-साफ बताएं कि आप कहां हैं, क्या महसूस कर रहे हैं और कितनी देर से यह स्थिति है।
अगर मोबाइल पास में नहीं है, तो रेंगकर भी फोन तक पहुंचने की कोशिश करें — समय सबसे बड़ा हथियार है।
3. अपनी स्थिति ऐसी जगह बनाएं, जहां सांस लेने में आसानी हो
अगर खड़े हैं तो तुरंत बैठ जाएं या ज़मीन पर टेक लगाकर लेटें। पीठ को सपोर्ट देकर बैठना बेहतर माना जाता है।
साफ हवा वाली जगह पर रहने की कोशिश करें, खिड़कियां खोल दें या फैन ऑन करें ताकि ऑक्सीजन की कमी न हो।
अगर उल्टी महसूस हो रही है या चक्कर आ रहा है, तो करवट लेकर लेटना बेहतर होगा ताकि सांस रुकने का खतरा कम हो।
4. यदि डॉक्टर ने पहले से एस्प्रिन लेने की सलाह दी है, तो उसे चबाएं
एस्प्रिन (Aspirin) खून को पतला करने में मदद करती है और हार्ट अटैक की स्थिति में खून का प्रवाह बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।
अगर आपके डॉक्टर ने पहले से एस्प्रिन लेने की सलाह दी है और यह दवा आपके पास मौजूद है, तो एक टैबलेट (300 मिलीग्राम तक) तुरंत चबाकर खा लें।
ध्यान रखें: एस्प्रिन तभी लें जब आपको इससे एलर्जी न हो और यह पहले से डॉक्टर द्वारा अनुमोदित हो।
5. काफी खांसें – ‘कफ सीपीआर’ तकनीक
यदि आप बेहोशी महसूस कर रहे हैं और मदद आने में वक्त है, तो ‘कफ सीपीआर’ (Cough CPR) आज़माया जा सकता है। यह मेडिकल इमरजेंसी में एक वैकल्पिक तरीका है और तब तक के लिए कारगर हो सकता है जब तक मदद नहीं पहुंचती।
इसमें गहरी सांस लें और ज़ोर से खांसें, ठीक वैसे जैसे बलगम निकालने के लिए करते हैं। यह प्रक्रिया हर 2 सेकंड में दोहराएं। खांसने से सीने पर प्रेशर पड़ता है, जिससे दिल की धड़कन थोड़ी देर के लिए स्थिर रह सकती है और ब्लड फ्लो बना रहता है।
हालांकि, ये तकनीक स्थायी इलाज नहीं है और इसे करते हुए भी तुरंत मदद बुलाना जरूरी है।
किन बातों का रखें हमेशा ध्यान?
1. EMERGENCY KIT रखें: घर में एक मेडिकल किट में एस्प्रिन, नाइट्रोग्लिसरीन (अगर डॉक्टर ने दी हो), बीपी मशीन, ग्लूकोमीटर आदि रखें।
2. फोन पास में रखें: फोन को हमेशा चार्ज और पास में रखें, खासकर रात में सोते समय।
3. अपने स्वास्थ्य का इतिहास किसी न किसी के साथ साझा करें: परिवार या किसी मित्र को बताएं कि आप किन बीमारियों से पीड़ित हैं और क्या दवाएं लेते हैं।
4. रेगुलर चेकअप कराएं: दिल की सेहत से जुड़ी किसी भी लक्षण को हल्के में न लें। नियमित जांच और सही खानपान से काफी हद तक इससे बचा जा सकता है।
क्यों जरूरी है समय पर प्रतिक्रिया?
दिल का दौरा पड़ने के पहले एक घंटे को ‘गोल्डन आवर’ कहा जाता है। इस समय के भीतर अगर सही इलाज मिल जाए, तो व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
कई मामलों में सिर्फ देरी ही मौत की सबसे बड़ी वजह बनती है। इसलिए जितनी जल्दी इलाज शुरू हो, उतनी ज्यादा बचने की संभावना होती है।
तैयार रहें, सतर्क रहें
दिल का दौरा अचानक आता है, लेकिन इसकी तैयारी पहले से की जा सकती है। यदि आप अकेले रहते हैं या घर पर अकसर अकेले रहते हैं, तो ऊपर दिए गए 5 स्टेप्स को जरूर याद रखें।
ये बातें आपकी या किसी और की जान बचा सकती हैं।