आज सुबह ही अश्विनी कुमार चौबे, जो कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं, परिवार सहित बाबा बैद्यनाथ मंदिर, देवघर (झारखंड) पहुँचे और वहां विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की। मंदिर परिसर में उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दर्शन और पूजन कराने का अवसर मिला।
पूजन के बाद चौबे ने कहा कि वे विशेष रूप से यह कामना करते हैं कि “बिहार सुखी रहे, संपन्न रहे” — इस भावना से उन्होंने बाबा भोलेनाथ (शिवजी) से प्रार्थना की। साथ ही उन्होंने पूरे देश के विकास-पथ पर अग्रसर रहने की भी कामना व्यक्त की।
उक्त दर्शन-पूजन का खास मकसद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर था। इसके पहले कि वे कटोरिया और बांका में चुनावी प्रचार में शामिल हों, उन्होंने बाबा बैद्यनाथ का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि चुनावी मोर्चे पर एनडीए को विजय मिलनी चाहिए और बिहार सहित पूरे देश में विकास की धारा बनी रहनी चाहिए।
मंदिर में मौजूद पंडाल-और व्यवस्थाओं के बीच उन्होंने उल्लेख किया कि बैद्यनाथ धाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में गिना जाता है और श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है।
चौबे ने कहा कि उन्होंने पंडा-समाज तथा मंदिर प्रबंधन द्वारा किये गए स्वागत समारोह के लिए आभार जताया और कहा कि सनातन संस्कृति भारत की आत्मा है, जिसे संरक्षित रखने में सभी को भूमिका निभानी चाहिए।
उनकी इस यात्रा को चुनावी संदर्भ में ‘शुभ आरंभ’ माना जा रहा है। आगामी चुनाव प्रचार से पूर्व इस तरह की धार्मिक आस्था-डिप्लोमेसी ने भाजपा के लिए संभावित वोट बैंक को सक्रिय करने का संकेत भी दिया है।
माना जा रहा है कि इस आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से चौबे ने न सिर्फ धार्मिक जनादेश का लाभ उठाया है, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक भावनाओं से जुड़े मतदाताओं पर भी असर छोड़ने का प्रयास किया है।
चौबे का यह यात्रा-और पूजा-माहौल विशेष रूप से उस रणनीति से जुड़ी है जिसमें विधानसभा चुनाव में बिहार में भाजपा-आधारित प्रचार को तेज किया जाना है। कटोरिया और बांका जैसे हिस्सों में उनकी सक्रियता इस दिशा में संकेत देती है कि वे व्यक्तिगत रूप से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
इस तरह, पूजा-अर्चना, आशीर्वाद-माहौल तथा चुनावी समय-सीमाओं को मिलाकर यह कार्यक्रम भाजपा के चुनावी सफर में एक महत्वपूर्ण लम्हा माना जा रहा है।
आगे भी यह देखना दिलचस्प होगा कि इस धार्मिक यात्रा का चुनाव परिणामों पर क्या असर होगा — विशेष रूप से उन जिलों में जहाँ भाजपा को अपनी पकड़ मजबूत करनी है।
