
एटीएम कैश लोडिंग कर्मचारी ने रची 61 लाख की लूट, भाइयों के साथ मिलकर किया साजिश का खुलासा।
छतरपुर। जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एटीएम में कैश लोडिंग का काम करने वाले एक कर्मचारी ने अपने तीन भाइयों के साथ मिलकर ₹61 लाख की लूट को अंजाम दिया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और लूटी गई पूरी रकम बरामद कर ली गई है। यह घटना न केवल शहर में सनसनी फैला रही है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आर्थिक दबाव और लालच किस तरह अपराध की ओर धकेल सकता है।
घटना का खुलासा
छतरपुर पुलिस ने सोमवार को इस मामले का खुलासा किया। एटीएम में कैश लोड करने वाली एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी को बैंक से पैसे लाकर मशीन में डालने की जिम्मेदारी दी गई थी। बीते हफ्ते जब उसे करीब 61 लाख रुपये एटीएम मशीन में डालने थे, उसी दौरान उसने रकम गबन कर अपने भाइयों के साथ साजिश रच डाली।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी के ऊपर करीब 53 लाख रुपये का कर्ज था। यह कर्ज उसने अलग-अलग जगहों से ब्याज पर उठाया था। बढ़ते दबाव और लेनदारों के लगातार दबाव के चलते उसने यह अपराध करने का मन बना लिया। आरोपी ने तीन भाइयों को इसमें शामिल कर पूरी रकम अपने कब्जे में ले ली।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
कंपनी और बैंक की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। शुरुआत में मामला किसी बाहरी लूट का लग रहा था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन की पड़ताल में जब संदेह कंपनी के कर्मचारी पर गया तो पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। कड़ाई से पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया और अपने भाइयों की संलिप्तता भी उजागर कर दी।
चारों भाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उनके पास से पूरे ₹61 लाख भी बरामद कर लिए गए हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी रकम को छिपाने की योजना बना रहे थे, लेकिन त्वरित कार्रवाई ने उन्हें मौका ही नहीं दिया।
आरोपी की पृष्ठभूमि
मुख्य आरोपी पिछले कई सालों से एटीएम में कैश लोडिंग का काम कर रहा था। उस पर कंपनी और बैंक का भरोसा था। लेकिन निजी जीवन में कर्ज के दबाव ने उसे अपराध की राह पर धकेल दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने पिछले दो सालों में कर्ज के कारण काफी तनाव झेला था और कई बार लेनदारों से झगड़े भी हुए थे।
पुलिस का बयान
पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह मामला विश्वासघात का है। जिस व्यक्ति पर करोड़ों रुपये सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी थी, उसने ही उसे गबन करने का रास्ता चुना। पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर बड़ी रकम की बरामदगी की है। यदि रकम हाथ से निकल जाती तो न केवल बैंक बल्कि आम जनता का भी नुकसान होता।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने चारों आरोपियों पर धोखाधड़ी, गबन और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। अदालत में पेश करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा। साथ ही, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं और लोग इस अपराध में शामिल तो नहीं थे।
समाज और प्रशासन पर असर
यह मामला कई सवाल खड़े करता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस व्यवस्था पर बैंक और जनता का भरोसा टिका होता है, वही अगर कमजोर पड़ जाए तो सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी। एटीएम कैश लोडिंग का काम अत्यधिक संवेदनशील होता है और इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निगरानी बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक मामलों के जानकारों का मानना है कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति की समय-समय पर जांच करनी चाहिए। कई बार कर्ज और आर्थिक दबाव कर्मचारी को अपराध की ओर धकेल देते हैं। यदि समय रहते ऐसी स्थिति की पहचान हो जाए तो अपराध की संभावना को कम किया जा सकता है।
छतरपुर का यह मामला एक सबक है कि आर्थिक संकट और दबाव को छिपाना नहीं चाहिए। यदि आरोपी ने सही समय पर अपनी समस्या परिवार या कंपनी के सामने रखी होती तो शायद आज उसे जेल की सलाखों के पीछे न जाना पड़ता।
यह घटना जहां एक ओर पुलिस की तत्परता को दर्शाती है, वहीं यह भी याद दिलाती है कि भरोसे और जिम्मेदारी का उल्लंघन कितना बड़ा अपराध बन सकता है।