
Ayodhya: योगी आदित्यनाथ के 53वें जन्मदिन पर अयोध्या में राम मंदिर में राम दरबार की भव्य प्राण प्रतिष्ठा।
अयोध्या। उत्तर प्रदेश की धार्मिक राजधानी अयोध्या एक बार फिर अध्यात्म और भक्ति की भावनाओं से सराबोर हो उठी, जब राम मंदिर के प्रथम तल पर भगवान राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधिवत संपन्न हुई। इस ऐतिहासिक और शुभ अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं मुख्य यजमान की भूमिका निभाई। खास बात यह रही कि यह आयोजन उनके 53वें जन्मदिवस के दिन हुआ, जिसने इस क्षण को और भी पावन और ऐतिहासिक बना दिया।
प्रभु श्रीराम के दरबार में विराजे सप्त देव
राम मंदिर के प्रथम तल पर विशेष वैदिक अनुष्ठानों के माध्यम से भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान और श्री गणेश की भव्य और सजीव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की गई। मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार, यज्ञ-हवन और पूजा-पाठ का दिव्य वातावरण बना रहा, जिसमें देशभर से आए विद्वान आचार्यों और संतों ने भाग लिया।
योगी ने कहा – रामराज्य की अवधारणा को साकार कर रहा है अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा के बाद आयोजित संक्षिप्त संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा:
“यह मेरे जीवन का सौभाग्य है कि प्रभु श्रीराम के दरबार की स्थापना के इस शुभ दिन मुझे यजमान बनने का अवसर मिला। अयोध्या अब केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बन चुकी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर का निर्माण केवल ईंट-पत्थरों का काम नहीं, बल्कि भारत की आस्था, परंपरा और मूल्यों की पुनर्स्थापना का प्रतीक है।
जन्मदिन पर लिया रामलला के दर्शन का आशीर्वाद
इस शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने सबसे पहले रामलला के दर्शन किए और मंदिर में कुछ समय ध्यान व साधना में बिताया। मंदिर ट्रस्ट ने उन्हें पुष्प माला, रामनाम का पटका और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। उनके जन्मदिवस को लेकर मंदिर परिसर में विशेष आरती, भजन और हवन का आयोजन भी किया गया।
सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम
मुख्यमंत्री की मौजूदगी और आयोजन की भव्यता को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रही। पूरे मंदिर परिसर में ड्रोन से निगरानी, सीसीटीवी, और एसपीजी व राज्य पुलिस की तैनाती रही। श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए विशेष बैरिकेडिंग और हेल्प डेस्क भी लगाए गए थे।
पूरे देश से उमड़े श्रद्धालु
इस आयोजन को देखने और प्रभु श्रीराम के दर्शन पाने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। रामधुन, भजन-कीर्तन और गूंजते जय श्रीराम के नारों से पूरा अयोध्या गूंज उठा।