
आयुष्मान कार्ड की वार्षिक लिमिट समाप्त: फिर कैसे मिलेगा फ्री इलाज? नियम और प्रक्रिया
पीएम-आयुष्मान भारत (PM-JAY) योजना के अंतर्गत हर पात्र परिवार को प्रति वित्तीय वर्ष ₹5 लाख तक का क्लीनिक—सरकारी एवं निजी दोनों—में निशुल्क, कैशलेस इलाज मिलता है ।
– यह लिमिट परिवार-फ्लोटर बेसिस पर रहती है—एक परिवार में एक या अधिक सदस्य ₹5 लाख का उपयोग कर सकते हैं ।
– वर्षभर — चाहे वही ₹5 लाख एक ही इलाज में खर्च हो या कई में — लिमिट समाप्त होने तक इलाज कराया जा सकता है ।
जब लिमिट समाप्त हो जाए – क्या होता है?
1. कोई ‘असीमित सुविधा’ नहीं:
जबकि कार्डधारक कई बार इलाज करवा सकते हैं, ₹5 लाख की सीमा पार नहीं हो सकती ।
2. लिमिट खत्म होने पर क्या लाभ बंद?
यदि वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल – 31 मार्च) के दौरान ₹5 लाख खर्च हो जाए, तब केवल अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत (1 अप्रैल) पर फिर से ₹5 लाख कार्ड में क्रेडिट होता है ।
यानी आपको तब तक इलाज के लिए निजी खर्च करना होगा।
3. क्या लिमिट बढ़ाई जा सकती है?
– आम तौर पर नहीं — नियम स्पष्ट रूप से ₹5 लाख वार्षिक ही बताता है ।
– विशेष या गंभीर स्वास्थ्य मामलों (जैसे दुर्लभ रोग, अंग प्रत्यारोपण आदि) में राज्य सरकार या अस्पताल अलग से सहायता रिलीफ भुगतान कर सकता है, लेकिन यह नियमों में नहीं लिखा और हर जगह लागू नहीं ।
कैशलेस इलाज कैसे मिलता है?
कार्ड अपडेट होना जरूरी:
इलाज शुरू करने से पहले आयुष्मान कार्ड सक्रिय और वैध होना चाहिए।
अस्पताल को पैनल में होना चाहिए:
केवल PM-JAY में पंजीकृत सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज कैशलेस तरीके से संभव है ।
पैकेज-अनुरूप इलाज:
इलाज उसी पैकेज के तहत होना चाहिए जो PM-JAY में सूचीबद्ध है — सामान्य OPD खर्च इसमें शामिल नहीं ।
क्लीयर ई-केवियरेंस:
विवादास्पद खर्च के लिए अस्पताल प्रारंभ में ही तय प्रक्रिया के तहत क्लेम सबमिट करता है; आपको अस्पताल में कुछ देने की आवश्यकता नहीं होती।
नियमों का तकनीकी पक्ष
परिवार फ्लोटर एक परिवार 5 सदस्यों के साथ ₹5 लाख तक कैशलेस इलाज ले सकता है
प्री और पोस्ट होस्पिटलाईज़ेशन उपचार से पहले के तीन और बाद के 15 दिन का खर्च भी कवर
पोर्टेबिलिटी देशभर कहीं भी PM-JAY लिस्टेड अस्पताल में इलाज संभव
पूर्व मौजूदा रोग शामिल कार्ड जारी होते ही कवर शुरू होता है
नवीनीकरण तिथि हर वित्त वर्ष की शुरुआत (1 अप्रैल) को लिमिट रीसेट होती है
लिमिट खत्म — क्या करें?
1. आयुष्मान मित्र/केसवर्कर से संपर्क:
आपके केस को समझकर अतिरिक्त सरकारी सहायता की संभावना जाँची जा सकती है।
2. राज्य की सहायक योजना:
कुछ राज्यों की अपनी स्वास्थ्य–सहायता योजनाएँ कार्ड कटने पर मदद करती हैं।
3. इमरजेंसी–फंड:
गंभीर बीमारियों के लिए अस्पताल के पास ESI, CSR, NGO फंड आदि से जुड़ने के विकल्प हो सकते हैं।
4. अगले वर्ष की शुरुआत तक इंतजार करें।
क्या एक व्यक्ति कई बार इलाज करा सकता है?
हाँ, लेकिन परिवार की कुल सीमा ₹5 लाख तक ही सीमित रहेगी ।
लिमिट कब रिन्यू होगी? प्रत्येक वित्तवर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल को ₹5 लाख की लिमिट दोबारा मिलती है ।
लिमिट बढ़ाने का क्या उपाय है?
सामान्य प्रक्रिया में संभव नहीं, केवल गंभीर विषयों पर राज्य या अस्पताल से अलग प्रयास हो सकते हैं ।
इलाज कैशलेस ही क्यों?
इससे रोगी को तत्काल राहत मिलती है, और अस्पताल क्लेम भरकर सरकार से भुगतान लेता है—आपके पास सिर्फ फ्री इलाज का फायदा होता है।
– PM-JAY योजना गरीबी रेखा से निचले या मध्यम–आय वर्गीय परिवारों को प्रति वर्ष ₹5 लाख तक का फ्री इलाज मुहैया कराती है, जिसमें कोई लिमिट नहीं रहती कि कितनी बार इलाज किया जाए — बस ₹5 लाख की पारिवारिक सीमा पूरी न हो जाए।
– जैसे ही वार्षिक सीमा समाप्त होती है, उपचार फ्री बंद हो जाता है — अगले वित्त वर्ष की शुरुआत तक इंतजार करना पड़ता है; इसे बढ़ाना आम तौर पर संभव नहीं।
– गंभीर मामलों के लिए राज्य की मदद लेकर या अस्पताल से विशेष राहत की सम्भावना बनी रहती है, लेकिन यह नियमों में तय नहीं है और हर जगह होगी भी या नहीं कहना मुश्किल है।
– नागरिकों को चाहिए कि वे कार्ड की वैधता, अस्पताल की पैनल स्थिति और पैकेज शामिल हों या नहीं — ये सभी जानकर इलाज शुरू करें।
– यदि लिमिट समाप्त हो जाए तो अगले वर्ष तक वैकल्पिक फंड जैसे CSR, NGO, अस्पताल फायदों, की तलाश कर सकते हैं।