देवघर। योगगुरु बाबा रामदेव मंगलवार को धार्मिक यात्रा के दौरान झारखंड के पवित्र तीर्थक्षेत्र देवघर पहुंचे, जहां उन्होंने विश्वप्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम में विधिवत पूजा-अर्चना की। उनके आगमन को लेकर सुबह से ही मंदिर परिसर में विशेष चहल-पहल नजर आई। जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, ताकि बाबा के आगमन के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो और पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो सके।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस बल तैनात
योगगुरु बाबा रामदेव के देवघर आगमन को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर परिसर, परिसर के प्रवेश द्वारों, श्रावणी पथ और आसपास के मुख्य मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की थी। सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ प्रबंधन के लिए खास इंतजाम किए।
मंदिर में प्रवेश के दौरान सुरक्षा जांच को और कड़ा कर दिया गया था। पुलिस, रैपिड रिस्पॉन्स टीम और QRT टीम मुस्तैदी से तैनात रही। इसके साथ ही CCTV कैमरों और कंट्रोल रूम के माध्यम से पूरे इलाके पर लगातार नजर रखी गई।
बाबा रामदेव ने देश की खुशहाली और आध्यात्मिक उन्नति का किया आशीर्वाद
पूजाविधि के दौरान बाबा रामदेव ने बाबा बैद्यनाथ से देश के कल्याण, सामाजिक समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति की कामना की। उन्होंने कहा कि “बाबा बैद्यनाथ की यह धरती हमेशा से ऊर्जा, चमत्कार और आशीर्वाद का स्रोत रही है। यहां आकर आत्मिक शांति प्राप्त होती है।”
उनके दर्शन के दौरान लाखों शिवभक्तों की आस्था से भरा वातावरण अद्भुत और दिव्य लग रहा था। पंडा समाज से जुड़े पुजारियों ने परंपरागत विधि-विधान के साथ उनका पूजन कराया और रुद्राभिषेक संपन्न किया।
श्रद्धालुओं में उत्साह, बाबा रामदेव के दर्शन को लेकर उमड़ी भीड़
बाबा रामदेव के मंदिर आगमन की खबर फैलते ही श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिला। बहुत से लोग उनकी एक झलक पाने के लिए मंदिर परिसर के चारों ओर प्रतीक्षा करते दिखे। कई श्रद्धालुओं ने उनके साथ तस्वीर लेने की भी इच्छा जताई।
यात्रा के दौरान बाबा की उपस्थिति ने मंदिर के वातावरण को और अधिक भव्य और आध्यात्मिक बना दिया। उनके आगमन को लेकर शहर में चर्चा का विषय बना रहा।
VIP आगमन के बावजूद श्रद्धालुओं की सुविधा रही प्राथमिकता
मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि VIP आगमन से किसी भी श्रद्धालु को दिक्कत न हो।
पूजा-अर्चना के दौरान मंदिर के सभी गेट खुले रहे और दर्शन व्यवस्था नियमित रूप से चलती रही।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि –
“हमने बाबा रामदेव की पूजा-अर्चना को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए, लेकिन श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। किसी भी सामान्य भक्त को दर्शन में बाधा नहीं आने दी गई।”
स्थानीय प्रशासन की सतर्कता और व्यवस्थाओं की सराहना
बाबा रामदेव और उनके प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रशासन की तरफ से किए गए प्रबंधों की सराहना की। उन्होंने कहा कि देवघर का वातावरण अत्यंत शांत और धार्मिक है, और यहां की व्यवस्थाएं लगातार बेहतर होती जा रही हैं।
स्थानीय नागरिकों ने भी यह माना कि प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने विशेष आगमन को देखते हुए बेहतरीन तैयारी की, जिससे दिनभर यातायात और भीड़ नियंत्रण सुचारू बना रहा।
बाबा बैद्यनाथ धाम की महत्ता पर बोले बाबा रामदेव
पूजा के बाद मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा कि बाबा बैद्यनाथ धाम देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसकी आध्यात्मिक ऊर्जा अनोखी है।
उन्होंने बताया कि यहां आकर उन्हें हृदय में अपार शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। उन्होंने देशभर के श्रद्धालुओं से अपील की कि वे देवघर आएं और बाबा बैद्यनाथ के दिव्य दर्शन करें।
धार्मिक नगरी में फिर बढ़ी रौनक
योगगुरु के दौरे से देवघर की धार्मिक नगरी में एक बार फिर चहल-पहल देखने को मिली। शहर के होटलों, धर्मशालाओं, पूजा सामग्री दुकानों में भी भक्तों की आवाजाही दिनभर जारी रही।
व्यापारियों ने कहा कि त्योहारों या विशेष व्यक्तियों के आगमन के दौरान शहर की धार्मिक और आर्थिक गतिविधियां दोनों तेज हो जाती हैं, जिससे स्थानीय बाजार को काफी लाभ मिलता है।
भक्तों के लिए विशेष दिशा-निर्देश
प्रशासन ने भक्तों को ध्यान रखते हुए भीड़ नियंत्रण के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे—
दर्शन के दौरान धैर्य बनाए रखें
निर्धारित गलियारे में ही प्रवेश-निकास करें
सुरक्षा जांच में सहयोग करें
किसी भी भ्रम फैलाने वाली अफवाह से दूर रहें
इन निर्देशों के चलते दर्शन व्यवस्था पूरे दिन शांतिपूर्ण रही।
पूजा-अर्चना के बाद बाबा रामदेव का आगे का कार्यक्रम
ज्ञात हो कि बाबा रामदेव का देवघर आगमन उनके आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों के बीच एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। पूजा-अर्चना के बाद वह अपने अगले कार्यक्रम की ओर रवाना हो गए।
हालांकि उनके दौरे का विस्तृत विवरण फिलहाल गुप्त रखा गया है, लेकिन उनके अनुयायियों में उत्सुकता बनी रही कि वे आगे कौन-से आध्यात्मिक स्थलों पर जाएंगे।
