
बारामती में बैंक मैनेजर ने की आत्महत्या: सुसाइड नोट में वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप
बारामती (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती शहर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक (ब्रांच मैनेजर) ने बैंक परिसर के भीतर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन और बैंक प्रबंधन में हड़कंप मच गया। मृतक के शव के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाते हुए खुदकुशी करने की बात लिखी है।
बैंक परिसर में मिला शव
घटना बुधवार सुबह की है, जब बैंक की शाखा खुलने पर कर्मचारियों को मुख्य प्रबंधक का शव बैंक परिसर में लटका मिला। मृतक की पहचान अनिल देशमुख (उम्र लगभग 45 वर्ष) के रूप में हुई है, जो कई वर्षों से बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत थे और हाल ही में बारामती ब्रांच में मुख्य प्रबंधक के पद पर स्थानांतरित हुए थे। बताया जा रहा है कि वे अपने काम को लेकर काफी सजग और जिम्मेदार अधिकारी माने जाते थे।
सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं, बैंक के वरिष्ठ अधिकारी भी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे।
सुसाइड नोट में वरिष्ठों पर गंभीर आरोप
पुलिस को मौके से एक चार पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें देशमुख ने लिखा है कि वह पिछले कई महीनों से अत्यधिक मानसिक दबाव में जी रहे थे, और उनके ऊपर लगातार अनुचित लक्ष्य (targets) का दबाव, अपमानजनक भाषा, और शोषणपूर्ण व्यवहार किया जा रहा था। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में दो से तीन अधिकारियों के नाम भी स्पष्ट रूप से लिखे हैं, जो उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे।
सुसाइड नोट में लिखा गया है:
“मैंने पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाई, लेकिन मेरे ऊपर बार-बार अनावश्यक दबाव बनाकर मुझे मानसिक रूप से तोड़ा गया। मुझे अपमानित किया गया, धमकियां दी गईं और मेरे आत्म-सम्मान को कुचला गया।”
बैंक अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में
इस घटना ने बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्य संस्कृति को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। देशमुख जैसे अनुभवी अधिकारी द्वारा आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया जाना न केवल व्यक्तिगत दुख की बात है, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और प्रणालीगत दोष की ओर भी इशारा करता है।
स्थानीय कर्मचारी संगठनों ने बैंक प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जिन अधिकारियों के नाम सुसाइड नोट में लिखे गए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।
पुलिस कर रही जांच, परिवार ने मांगा न्याय
बारामती पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, “हमें घटनास्थल से सुसाइड नोट मिला है, जिसकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। इसमें जिन अधिकारियों के नाम हैं, उनसे भी पूछताछ की जाएगी। यह आत्महत्या है या किसी और कारण से मौत हुई, यह सभी एंगल से जांच की जा रही है।”
वहीं, मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिवार ने कहा कि अनिल देशमुख अत्यंत सज्जन और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों से वह तनाव में थे। उनकी पत्नी ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा, “मेरे पति ने कभी हार नहीं मानी। अगर उन्होंने आत्महत्या की है, तो इसका कारण जरूर गंभीर रहा होगा। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”
कर्मचारियों और यूनियनों में आक्रोश
घटना के बाद बैंक यूनियन और कर्मचारी संगठनों में भारी आक्रोश है। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) सहित कई यूनियनों ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कार्यस्थल पर उत्पीड़न के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की मांग की है। यूनियनों का कहना है कि लगातार लक्ष्य आधारित दबाव, अनियमित कार्य घंटों और अफसरों की तानाशाही से बैंक कर्मियों की मानसिक स्थिति बदतर हो चुकी है।
भारतीय कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी को आत्महत्या के लिए उकसाता है या मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित करता है कि वह आत्महत्या कर ले, तो धारा 306 (IPC) के तहत उस पर आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। ऐसे में अगर सुसाइड नोट में दिए गए आरोप साबित होते हैं, तो संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई संभव है।
बारामती में हुई यह आत्महत्या केवल एक दुखद घटना नहीं, बल्कि कार्यस्थल की असंवेदनशीलता और उच्चाधिकारियों की जवाबदेही पर भी सवाल उठाती है। यह समय है कि बैंकिंग और अन्य कॉर्पोरेट संस्थान अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्य-संस्कृति को लेकर गंभीरता से सोचें।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी संवेदनशीलता और पारदर्शिता से कार्रवाई करता है, और क्या यह घटना भविष्य में ऐसे किसी कदम को रोकने के लिए कोई मिसाल बन पाएगी या नहीं।