
बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 28 वर्षीय महिला सिपाही का शव जिले के सफदरगंज थाना क्षेत्र के एक जंगल में अधजली हालत में मिला है। शव की हालत इतनी भयावह थी कि पहचान कर पाना मुश्किल हो गया। मृतका का चेहरा जलाया गया था और शव को जानवर नोच रहे थे। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और हत्या की गुत्थी को सुलझाने में जुट गई है।
चार दिन से लापता थी महिला सिपाही
मृतक महिला सिपाही की पहचान मनीषा वर्मा के रूप में हुई है, जो लखनऊ में तैनात थी। बताया जा रहा है कि मनीषा पिछले चार दिनों से लापता थी। उसका मोबाइल फोन बंद था और परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। परिजन लगातार उसकी तलाश में लगे थे, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया।
जंगल में मिला अधजला शव, चेहरा पूरी तरह जलाया गया
स्थानीय ग्रामीणों ने जब जंगल में बदबू महसूस की तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां का दृश्य बेहद भयावह था। महिला का चेहरा पूरी तरह से जला हुआ था, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो गया था। शरीर पर चोट के निशान भी पाए गए हैं। वहीं, शव को कौवे और अन्य जानवर नोच रहे थे।
पुलिस को हत्या की आशंका, प्रेम प्रसंग की भी जांच
पुलिस को शुरूआती जांच में हत्या की आशंका लग रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह मामला प्रेम प्रसंग या निजी दुश्मनी से जुड़ा हो सकता है। शव जिस हालत में मिला है, उससे साफ है कि आरोपी ने पहचान छुपाने के लिए चेहरा जलाया। महिला सिपाही की कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया गतिविधियों को खंगाला जा रहा है।
फॉरेंसिक टीम मौके पर, सबूत जुटाने में जुटी पुलिस
फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया और घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पुलिस ने इलाके को सील कर दिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल, न्याय की मांग
मनीषा के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने इस जघन्य हत्या के लिए न्याय की मांग की है। परिजनों का कहना है कि मनीषा किसी से भी दुश्मनी नहीं रखती थी और वह ड्यूटी को लेकर काफी जिम्मेदार थी।
महिला सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
इस घटना ने प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक वर्दीधारी महिला अगर सुरक्षित नहीं है, तो आम महिलाओं की सुरक्षा की कल्पना करना भी कठिन हो जाता है। सरकार और पुलिस प्रशासन से जवाब मांगा जा रहा है कि आखिर कैसे एक महिला सिपाही की इस तरह निर्मम हत्या कर दी गई।
पूर्व में भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
बाराबंकी सहित उत्तर प्रदेश में इससे पहले भी महिला पुलिसकर्मियों या अधिकारियों के साथ गंभीर घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन मामलों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी शुरू
घटना की खबर सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर महिला सुरक्षा में विफलता का आरोप लगाया है और इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने जताया जल्द खुलासे का भरोसा
बाराबंकी पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया कि सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड और मृतका के संपर्क में रहने वालों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही हत्या की साजिश का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
इंसाफ की दरकार
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि व्यवस्था पर करारा तमाचा है। एक वर्दीधारी महिला की इतनी बेरहमी से हत्या, वो भी बिना किसी सुरक्षा के संकेत, कहीं न कहीं सुरक्षा तंत्र की असफलता को उजागर करता है। अब देखना यह है कि पुलिस कितनी तत्परता से काम करती है और मनीषा को इंसाफ दिला पाती है या नहीं।