नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने दोनों सीनियर खिलाड़ियों को स्पष्ट कर दिया है कि अगर वे भारत की वनडे टीम में अपनी जगह बरकरार रखना चाहते हैं, तो उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य होगा। बोर्ड के इस फैसले के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने मुंबई क्रिकेट असोसिएशन (MCA) को सूचित किया है कि वे विजय हजारे ट्रॉफी 2025 में खेलने के लिए उपलब्ध रहेंगे।

BCCI का सख्त रुख: प्रदर्शन के साथ फिटनेस पर भी फोकस
BCCI के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि चयन प्रक्रिया अब केवल अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन पर नहीं, बल्कि घरेलू क्रिकेट में भागीदारी और फिटनेस पर भी निर्भर करेगी।
बोर्ड का मानना है कि सीनियर खिलाड़ी अगर घरेलू टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेंगे, तो युवा खिलाड़ियों को अनुभव मिलेगा और टीम इंडिया का बेंच स्ट्रेंथ भी मजबूत होगा।
सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय हाल ही में हुई सिलेक्शन कमेटी और बोर्ड मीटिंग में लिया गया, जहां मुख्य फोकस अगले साल के चैंपियंस ट्रॉफी और 2027 विश्व कप की तैयारी पर था।
रोहित शर्मा का कदम: टीम के लिए उदाहरण
BCCI के निर्देश के तुरंत बाद रोहित शर्मा ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को बताया कि वे विजय हजारे ट्रॉफी के लिए पूरी तरह फिट हैं और टीम के लिए खेलने को तैयार हैं।
रोहित ने कहा,
“घरेलू क्रिकेट हमारे क्रिकेट स्ट्रक्चर की नींव है। मुझे खुशी है कि मैं अपने राज्य मुंबई की ओर से खेलने जा रहा हूं। यह युवा खिलाड़ियों के साथ अनुभव साझा करने का अच्छा मौका होगा।”
उनके इस फैसले की सराहना खुद बोर्ड अध्यक्ष और सिलेक्शन कमेटी ने भी की। माना जा रहा है कि यह कदम अन्य सीनियर खिलाड़ियों को भी घरेलू क्रिकेट में सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करेगा।
BCCI का संदेश सभी सीनियरों को: अब ‘रेस्ट’ नहीं, ‘परफॉर्मेंस’ ही टिकेगी
हाल के दिनों में कई मौकों पर सीनियर खिलाड़ियों द्वारा घरेलू टूर्नामेंट्स से आराम लेने के कारण BCCI नाखुश था।
अब बोर्ड ने साफ कर दिया है कि चाहे वो कप्तान हों या कोई अन्य स्टार प्लेयर — टीम में जगह तभी मिलेगी जब खिलाड़ी नियमित रूप से घरेलू क्रिकेट में भाग लेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक,
“खेल से जुड़े रहना जरूरी है। खिलाड़ी अगर लगातार मैच प्रैक्टिस में रहेंगे तो न केवल फिटनेस बरकरार रहेगी, बल्कि खेल का रिद्म भी बना रहेगा।”
भविष्य की तैयारी: युवाओं को मौका और सीनियर्स से सीख
BCCI की नई रणनीति का मकसद केवल सीनियर्स पर दबाव बनाना नहीं, बल्कि युवा खिलाड़ियों को उनके साथ खेलने का अनुभव देना भी है।
इस नीति के तहत अब हर सीनियर खिलाड़ी को घरेलू सीजन में कम से कम कुछ मैच खेलने होंगे। इससे घरेलू क्रिकेट का स्तर और प्रतिस्पर्धा दोनों बढ़ेंगे।
विजय हजारे ट्रॉफी 2025 में मुंबई की टीम होगी दमदार
मुंबई क्रिकेट असोसिएशन (MCA) के सूत्रों के मुताबिक, रोहित शर्मा की उपलब्धता से टीम को मजबूती मिलेगी।
कोच और चयनकर्ता भी इसे टीम के लिए मनोबल बढ़ाने वाला कदम मान रहे हैं।
रोहित के अलावा कुछ अन्य सीनियर खिलाड़ी जैसे सूर्यकुमार यादव और श्रेयस अय्यर भी संभवतः टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे।
क्रिकेट विशेषज्ञों की राय
पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कहा,
“BCCI का यह कदम लंबे समय के लिए फायदेमंद है। अगर सीनियर्स घरेलू क्रिकेट खेलते हैं, तो भारत का पूरा क्रिकेट इकोसिस्टम मजबूत होगा।”
वहीं, कई क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव भारतीय क्रिकेट के लिए ‘बेंच स्ट्रेंथ रेवोल्यूशन’ साबित हो सकता है।
नतीजा: बोर्ड का सख्त निर्णय, लेकिन सकारात्मक असर
BCCI के इस सख्त फैसले से यह साफ है कि बोर्ड अब किसी भी खिलाड़ी को विशेष छूट नहीं देगा।
रोहित शर्मा का घरेलू क्रिकेट में लौटना इसका संकेत है कि कप्तान खुद उदाहरण पेश करना चाहते हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य सीनियर खिलाड़ी जैसे विराट कोहली और के.एल. राहुल इस दिशा में क्या कदम उठाते हैं।
