
देवघर। बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद होते ही बेलहर सीट सुर्खियों में है। यह सीट इस बार न सिर्फ सियासी तौर पर हॉट बन चुकी है, बल्कि यहां के राजनीतिक समीकरण ने एनडीए और महागठबंधन दोनों खेमों में हलचल मचा दी है। बेलहर विधानसभा से एनडीए के उम्मीदवार मनोज यादव ने शनिवार को देवघर पहुंचकर बाबा बैद्यनाथ की पूजा-अर्चना की और इसके बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने बांका के जदयू सांसद गिरधारी यादव और उनके बेटे चाणक्य प्रकाश पर जमकर निशाना साधा।
मनोज यादव ने कहा कि इस बार बेलहर में “दिलचस्प लड़ाई” देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि “बांका के जदयू सांसद गिरधारी यादव के पुत्र चाणक्य प्रकाश राजद में शामिल हो चुके हैं और बेलहर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। यह स्थिति बेहद विरोधाभासी है — पिता एनडीए में हैं और बेटा महागठबंधन में।”
मनोज यादव ने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर गिरधारी यादव में ज़रा भी नैतिकता और राजनीतिक ज्ञान है, तो उन्हें तत्काल सांसद पद से इस्तीफा देकर खुद मैदान में आना चाहिए। छुप-छुपकर खेलने से कुछ हासिल नहीं होगा। यह लोकतंत्र है, राजतंत्र नहीं।”
उन्होंने आगे कहा कि “बांका के सांसद और उनके बेटे मिलकर क्या चाहते हैं? 30 साल से बांका जिला, लोकसभा और विधानसभा की राजनीति को लूटते आ रहे हैं। जनता अब जाग चुकी है और इस बार बेलहर की जनता उनसे एक-एक चीज़ का हिसाब लेगी।”
मनोज यादव ने यह भी दावा किया कि बेलहर की जनता बदलाव के मूड में है और एनडीए के विकास मॉडल पर भरोसा कर रही है। उन्होंने कहा कि “लोग अब जात-पात या परिवारवाद की राजनीति नहीं चाहते। जनता अब यह तय करेगी कि किसने काम किया और किसने केवल परिवार के लिए राजनीति की।”
सांसद के खिलाफ जदयू का एक्शन
मनोज यादव ने खुलासा किया कि बांका सांसद गिरधारी यादव ने कुछ समय पहले मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया था, जिस पर जदयू आलाकमान ने उन्हें शोकाज नोटिस भेजा था। उन्होंने कहा कि “सांसद ने आज तक उस नोटिस का जवाब नहीं दिया, जिसके बाद पार्टी ने दोबारा स्पष्टीकरण मांगा है। अब यह साफ हो गया है कि सांसद खुद असमंजस की स्थिति में हैं — न पार्टी छोड़ पा रहे हैं, न बेटे का विरोध कर पा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि “जदयू एक अनुशासित पार्टी है। जो भी पार्टी लाइन से हटकर चलता है, उसे जनता और संगठन दोनों जवाब देते हैं। बेलहर की जनता इस बार राजनीतिक पाखंड को पहचान चुकी है।”
“जनता हिसाब लेगी” — मनोज यादव
पत्रकारों से बातचीत में मनोज यादव ने कहा कि बेलहर की जनता अब “भावनाओं में बहने वाली नहीं” है। उन्होंने कहा, “जनता समझ चुकी है कि जिन लोगों ने दशकों तक बांका और बेलहर की राजनीति को अपने परिवार की जागीर समझ रखा था, उनका अंत निकट है। इस बार विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार मुख्य मुद्दे होंगे।”
उन्होंने कहा कि “एनडीए की सरकार ने जो योजनाएं चलाई हैं, उनका लाभ गांव-गांव तक पहुंचा है। प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर नल जल योजना, उज्जवला योजना और सड़क निर्माण के काम से लोग खुश हैं। बेलहर के लोगों ने देखा है कि पिछले दस सालों में कैसे विकास की गंगा बही है।”
मनोज यादव ने कहा कि “जनता को अब सिर्फ भाषण नहीं, काम चाहिए। मैं मैदान में सिर्फ वोट मांगने नहीं, जनता का आशीर्वाद लेने आया हूं। मेरे लिए बेलहर सिर्फ एक सीट नहीं, बल्कि यह मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों है।”
एनडीए बनाम महागठबंधन: सियासी संग्राम तय
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बेलहर सीट इस बार बांका जिले की सबसे हॉट सीट बनने जा रही है। यहां एक तरफ एनडीए के उम्मीदवार मनोज यादव हैं, तो दूसरी ओर राजद से चाणक्य प्रकाश के मैदान में उतरने की चर्चा जोरों पर है। दोनों ही यादव समाज से आते हैं, जिससे वोट बैंक में सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा।
यदि चाणक्य प्रकाश को राजद उम्मीदवार घोषित किया जाता है, तो यह लड़ाई ‘पिता-पुत्र बनाम जनता’ के रूप में भी देखी जाएगी। वहीं एनडीए इसे नैतिकता और परिवारवाद की लड़ाई के तौर पर पेश करने की कोशिश करेगा।
बाबा बैद्यनाथ की शरण में पहुंचे मनोज यादव
बेलहर से नामांकन से पहले मनोज यादव ने देवघर पहुंचकर बाबा बैद्यनाथ का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि “बाबा की कृपा से यह लड़ाई सत्य और नीति की जीत की होगी। मैं जनता के आशीर्वाद से सेवा की नई परंपरा शुरू करूंगा।”
बातचीत के अंत में उन्होंने एक बार फिर बांका सांसद को सीधी चुनौती देते हुए कहा, “अगर गिरधारी यादव में ज़रा भी हिम्मत है, तो बेटे के पीछे न छुपें। खुद मैदान में उतरें और जनता का सामना करें। यह चुनाव बेलहर की आत्मा की आवाज़ है।”