
भोजपुर (बिहार)। जिले में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। आरोप है कि ससुरालवालों ने एक महिला को जिंदा जला दिया। महिला चीखते-चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन जब तक पड़ोसी पहुंचे और पानी-बोरी डालकर आग बुझाई, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। यह घटना भोजपुर जिले के गड़हनी थाना क्षेत्र में सामने आई है।
पड़ोसियों की आँखों देखी
गाँव के लोगों के मुताबिक, महिला आग की लपटों में घिरी घर से बाहर भागी और चीखते हुए मदद मांग रही थी। पड़ोसी तुरंत दौड़े और पानी व बोरी डालकर आग बुझाई। हालांकि, तब तक वह गंभीर रूप से झुलस चुकी थी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
ससुरालवालों पर गंभीर आरोप
मृतका के मायकेवालों ने ससुरालवालों पर आरोप लगाया है कि वह लंबे समय से दहेज में चेन और बाइक की मांग कर रहे थे। उनकी मांग पूरी न होने पर लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जाती थी। मायकेवालों का कहना है कि दहेज प्रथा की भेंट चढ़कर उनकी बेटी की जिंदगी खत्म कर दी गई।
घटना के बाद गांव में सनसनी
घटना के बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने बताया कि महिला काफी समय से तनाव में थी और कई बार उसने इस बात का जिक्र भी किया था। वहीं, आसपास के लोगों ने कहा कि यह सीधी-सीधी दहेज हत्या का मामला है।
पुलिस की कार्रवाई
गड़हनी थाना प्रभारी ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने मृतका के पति, सास और अन्य पर दहेज हत्या व हत्या की साजिश का केस दर्ज कर लिया है। साथ ही, आरोपियों की तलाश की जा रही है।
दहेज प्रथा पर एक और सवाल
यह घटना एक बार फिर दहेज प्रथा की काली हकीकत को उजागर करती है। आधुनिक युग में भी दहेज के कारण बेटियों की जान जा रही है। सामाजिक संगठनों का कहना है कि कानून के बावजूद इस कुप्रथा पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है।
मायकेवालों का दर्द
मृतका के पिता ने कहा, “मेरी बेटी ने कभी शिकायत नहीं की, बस इतना कहती थी कि घर का माहौल अच्छा नहीं है। हमें कभी नहीं लगा था कि ससुराल वाले इस हद तक चले जाएंगे।” उन्होंने प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी पुष्टि
डॉक्टरों के अनुसार, महिला लगभग 90% से अधिक झुलस चुकी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के सही कारण और जलने की स्थिति की पुष्टि होगी। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद मामले की जांच और तेज की जाएगी।
स्थानीय लोगों की मांग
गाँव के लोगों ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। लोगों का कहना है कि प्रशासन को महिला सुरक्षा और दहेज उन्मूलन के लिए और सख्त कदम उठाने चाहिए।
भोजपुर की यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी बड़ा सबक है। दहेज जैसी कुप्रथाएं आज भी बेटियों की जान ले रही हैं। कानून तो मौजूद है, लेकिन जब तक समाज जागरूक नहीं होगा और लोग आवाज नहीं उठाएंगे, तब तक ऐसी दर्दनाक घटनाएं थमती नहीं दिख रही हैं।