JSSC CGL पेपर लीक में बड़ा खुलासा: नेपाल से जुड़ा कनेक्शन, 28 अभ्यर्थियों को पहले ही मिल गया था पेपर, 10 हुए पास; चार्जशीट में 11 आरोपी नामजद।

JSSC CGL पेपर लीक में बड़ा खुलासा: नेपाल से जुड़ा कनेक्शन, 28 अभ्यर्थियों को पहले ही मिल गया था पेपर, 10 हुए पास; चार्जशीट में 11 आरोपी नामजद।

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) CGL परीक्षा पेपर लीक मामले में सीआईडी की जांच में एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। यह मामला न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर रहा है। जांच के दौरान सामने आया है कि 28 अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए गए थे, जिनमें से 10 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल भी हुए हैं।

मास्टरमाइंड शशिभूषण दीक्षित और नेटवर्क का पर्दाफाश

सीआईडी की टीम ने पेपर लीक के मास्टरमाइंड शशिभूषण दीक्षित और अन्य आरोपियों के मोबाइल से ऐसे 28 अभ्यर्थियों की लिस्ट बरामद की है, जिन्हें परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र भेजा गया था। जांच में यह भी पता चला कि शशिभूषण ने इन अभ्यर्थियों से भारी रकम वसूली थी। उसके दो बैंक खातों की जांच में सामने आया कि इनमें आठ लाख रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर की गई है।

एक अन्य आरोपी मनोज कुमार के खाते में एक अभ्यर्थी द्वारा यूपीआई के माध्यम से एक लाख रुपये ट्रांसफर किए जाने का भी सबूत मिला है। आरोपियों द्वारा न केवल खुद के बल्कि अपने परिवारजनों के खातों का भी इस्तेमाल लेनदेन के लिए किया गया।

चार्जशीट में 11 आरोपियों के नाम, मुख्य आरोपी जेल में

सीआईडी ने अब तक इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। मुख्य आरोपी शशिभूषण दीक्षित को 28 मार्च 2025 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में जेल में बंद है। उसने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

जांच में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई कि आरोपी की पत्नी के खाते में भी पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थियों से पैसे ट्रांसफर किए गए थे। साथ ही, सीआईडी को मोबाइल में मौजूद डाटा से अभ्यर्थियों के नाम, रोल नंबर, परीक्षा केंद्र और उनसे जुड़े एजेंटों की भी जानकारी मिली है।

नेपाल से जुड़ा संदिग्ध कनेक्शन

सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि परीक्षा से ठीक पहले, यानी 19 और 20 सितंबर 2024 को कुछ अभ्यर्थियों के मोबाइल का लोकेशन नेपाल में पाया गया था, जबकि परीक्षा 21 और 22 सितंबर को आयोजित की गई थी। इससे यह अंदेशा और भी गहरा हो गया है कि पेपर लीक का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हो सकता है।

सीबीआई जांच की उठी मांग, हाईकोर्ट में मामला लंबित

इस गंभीर मामले में सबसे पहले राजेश कुमार नामक व्यक्ति ने रांची के रातू थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। प्रारंभिक जांच पुलिस द्वारा की जा रही थी, लेकिन बाद में केस को सीआईडी ने टेकओवर किया और विस्तृत जांच शुरू की। इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

वहीं, पेपर लीक की खबर से अन्य अभ्यर्थी खासे नाराज और परेशान हैं। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके। वर्तमान में यह मामला झारखंड हाईकोर्ट में लंबित है और न्यायिक प्रक्रिया जारी है।

JSSC CGL पेपर लीक मामला एक गंभीर शिक्षा घोटाले की ओर इशारा करता है, जिसमें न केवल परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं बल्कि उम्मीदवारों के भविष्य से भी खिलवाड़ हुआ है। ऐसे में जरूरी है कि दोषियों को सख्त सजा मिले और परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

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