
सोने-चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल: एक हफ्ते में सोना 10 हज़ार के पार, चांदी ने भी रचा रिकॉर्ड
बीते एक हफ्ते के दौरान सोने और चांदी की कीमतों में भारी तेजी देखी गई है। जहां सोना ₹10,000 प्रति ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर चुका है, वहीं चांदी ने भी ₹1,16,000 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर को छू लिया है। इस तेजी के पीछे वैश्विक बाजार की चाल, डॉलर की कमजोरी, घरेलू मांग और औद्योगिक क्षेत्रों में चांदी की बढ़ती खपत अहम वजह मानी जा रही है।
मुख्य रिपोर्ट:
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतें एक बार फिर निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए चर्चा का विषय बनी हुई हैं। बीते सात दिनों में जहां 24 कैरेट शुद्ध सोने का दाम ₹9,669 प्रति 10 ग्राम से बढ़कर ₹10,004 हो गया है, वहीं चांदी की कीमत ₹1,10,000 से बढ़कर ₹1,16,000 प्रति किलोग्राम हो चुकी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह तेजी बरकरार रह सकती है, खासकर तब जब वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और अमेरिका की मौद्रिक नीति में नरमी के संकेत मिल रहे हैं।
दिल्ली, मुंबई, पटना और रांची के दाम:
दिल्ली: 24 कैरेट सोना ₹10,000/ग्राम, चांदी ₹1,15,500/किलो
मुंबई: 24 कैरेट सोना ₹9,998/ग्राम, चांदी ₹1,16,000/किलो
पटना: 22 कैरेट सोना ₹9,170/ग्राम, चांदी ₹1,15,800/किलो
रांची: 24 कैरेट सोना ₹10,004/ग्राम, चांदी ₹1,16,000/किलो
एक सप्ताह का ट्रेंड (10 जुलाई से 20 जुलाई):
धातु 10 जुलाई 20 जुलाई अंतर
24K सोना ₹9,669/10 ग्राम ₹10,004/10 ग्राम ₹335 ↑
22K सोना ₹8,928/10 ग्राम ₹9,170/10 ग्राम ₹242 ↑
चांदी ₹1,10,000/किलो ₹1,16,000/किलो ₹6,000 ↑
चांदी की तेज़ी क्यों?
विशेषज्ञ बताते हैं कि चांदी की कीमतों में अचानक उछाल का मुख्य कारण है इसकी औद्योगिक मांग में इजाफा। सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में चांदी की खपत लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा वैश्विक आपूर्ति में आ रही कमी भी इसके दामों को ऊपर ले जा रही है।
अहमदाबाद जैसे औद्योगिक शहरों में चांदी की कीमतों में 30% तक की बढ़त देखी गई है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रवृत्ति आगामी सप्ताहों में भी जारी रह सकती है।
सोने में उछाल के कारण:
सोने की कीमतें डॉलर की मजबूती या कमजोरी पर निर्भर करती हैं। पिछले कुछ दिनों में अमेरिकी डॉलर कमजोर पड़ा है, जिससे सोने में निवेश बढ़ा है। इसके अलावा अमेरिका में रिटेल बिक्री के मजबूत आंकड़ों के बावजूद सोने की कीमतें स्थिर रही हैं, जिससे संकेत मिलता है कि बाजार में अभी भी इस धातु में विश्वास बना हुआ है।
भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में उछाल का एक कारण त्योहार और शादी के मौसम की तैयारी भी है। निवेशक और उपभोक्ता दोनों ही अब सक्रिय हो गए हैं।
निवेशकों की रणनीति क्या होनी चाहिए?
विश्लेषकों की राय:
अगर आप शादी, त्योहार या गहनों की खरीदारी की योजना बना रहे हैं, तो मौजूदा कीमतों पर खरीदारी करना उचित हो सकता है क्योंकि ₹10,000 का स्तर अब सामान्य होता जा रहा है।
निवेश के लिहाज से, जो लोग लॉन्ग टर्म के लिए गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाना चाहते हैं, वे बाजार की चाल पर नजर रखते हुए धीरे-धीरे निवेश करें।
चांदी में ट्रेड करने वाले निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे मुनाफा वसूली के लिए तैयार रहें क्योंकि इसकी कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं।
क्या आने वाले हफ्तों में गिरावट संभव है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि फिलहाल सोने की कीमतें ₹98,500–₹99,800 के दायरे में सीमित रह सकती हैं। हालांकि अगर अमेरिका की आर्थिक नीति में बदलाव आता है या भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ता है, तो इसमें और तेजी आ सकती है।
चांदी को लेकर राय थोड़ी अलग है। चांदी फिलहाल तेज़ रफ्तार पर है और ₹1,20,000/किलो तक पहुंच सकती है यदि आपूर्ति की दिक्कतें और औद्योगिक मांग बनी रहती है।
आभूषण के लिए खरीदारी करने वाले ग्राहकों को यह समझना चाहिए कि अब सोने की कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम से नीचे आना मुश्किल है।
चांदी की तेजी को देखते हुए छोटे निवेशक अभी छोटे-छोटे हिस्सों में निवेश करें।
रिटर्न की चाह रखने वाले ग्राहक सोने-चांदी के म्यूचुअल फंड विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं।
सोना-चांदी केवल आभूषण नहीं, निवेश का अहम ज़रिया भी बन चुके हैं। ऐसे में इनकी कीमतों में हर हलचल करोड़ों लोगों को प्रभावित करती है। बीते सप्ताह के दौरान बाजार में जो तेजी देखी गई, वह एक ओर निवेशकों को लाभ दे सकती है, वहीं उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ भी बढ़ा सकती है। आगामी हफ्तों में बाज़ार की चाल पर नज़र बनाए रखना बेहद जरूरी होगा ।