
पटना।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार में आतंकी गतिविधियों से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। रविवार को NIA ने एक विशेष अभियान चलाते हुए राज्य के विभिन्न जिलों में आठ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई आतंकी साजिशों को नाकाम करने और देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए की गई।
कहां-कहां हुई छापेमारी?
NIA की टीमों ने पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, अररिया, किशनगंज, सीतामढ़ी, पूर्णिया और मधुबनी जिलों में एक साथ रेड की। ये सभी जिले लंबे समय से सीमावर्ती और रणनीतिक दृष्टि से संवेदनशील माने जाते हैं। बताया जा रहा है कि ये कार्रवाई पिछले कई महीनों से चल रही खुफिया निगरानी और इनपुट्स के आधार पर की गई।
किस प्रकार की आतंकी गतिविधियों का इनपुट मिला?
सूत्रों के मुताबिक, इन ठिकानों से कुछ संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन और विदेशी फंडिंग के सबूत बरामद किए गए हैं। NIA को शक है कि इस नेटवर्क का संबंध प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से है, जो युवाओं को भड़काकर उन्हें आतंकी गतिविधियों की ओर मोड़ने का प्रयास कर रहे थे।
कितने संदिग्ध हिरासत में लिए गए?
अब तक कुल 6 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इनमें से कुछ स्थानीय स्तर पर धार्मिक संस्थानों से जुड़े बताए जा रहे हैं। NIA ने इनके विदेशी संपर्कों और फंडिंग के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
छापेमारी के दौरान स्थानीय इलाकों में हलचल मच गई। लोगों ने कहा कि यह कार्रवाई समय रहते होनी जरूरी थी ताकि प्रदेश में युवाओं को गुमराह करने की कोशिशों को रोका जा सके।
NIA का आधिकारिक बयान
NIA ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि, “यह कार्रवाई देश विरोधी ताकतों के खिलाफ हमारी सतत लड़ाई का हिस्सा है। हमने कई अहम सबूत बरामद किए हैं जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।”
बिहार क्यों बन रहा है आतंकी नेटवर्क का ठिकाना?
बिहार के सीमावर्ती इलाके नेपाल और बंगाल की नजदीकी के कारण कई बार संदिग्ध गतिविधियों का केंद्र बनते हैं। कम निगरानी वाले ग्रामीण इलाके, बेरोजगारी और कट्टरपंथी संगठनों की घुसपैठ इसे आतंकी नेटवर्क के लिए उपजाऊ जमीन बना रही है।
पिछले कुछ वर्षों की बड़ी कार्रवाइयां
2023 में पटना और दरभंगा में ISIS मॉड्यूल का भंडाफोड़।
2022 में किशनगंज से आतंकी संगठन से जुड़े 3 लोग गिरफ्तार।
2021 में मधुबनी से JMB (जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश) का मॉड्यूल पकड़ा गया।
केंद्र और राज्य सरकार की भूमिका
केंद्र सरकार ने NIA और इंटेलिजेंस ब्यूरो को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। वहीं, बिहार पुलिस भी केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस कार्रवाई का महत्व
यह छापेमारी न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। हाल के दिनों में जिस तरह से पड़ोसी देशों से आतंकी साजिशें रची जा रही हैं, यह कार्रवाई उनके मंसूबों को नाकाम करने की दिशा में अहम कदम है।
लोगों के लिए संदेश
NIA ने अपील की है कि यदि किसी को अपने आस-पास संदिग्ध गतिविधियां दिखें तो इसकी तुरंत जानकारी स्थानीय पुलिस या हेल्पलाइन नंबर पर दें। जागरूक नागरिक ही सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।