
बिहार ने एक और वीर सपूत को खो दिया। सारण जिले के रहने वाले 27 वर्षीय आर्मी जवान की श्रीनगर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहादत हो गई। बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ “ऑपरेशन सिंदूर” का हिस्सा थी, जिसमें भारतीय सेना ने कई आतंकियों को मार गिराया लेकिन इस दौरान सारण का यह बहादुर जवान देश के लिए कुर्बान हो गया।
तीन महीने पहले हुई थी शादी
शहीद जवान की शादी महज तीन महीने पहले हुई थी। परिवार में इस शादी को लेकर अभी खुशियों का माहौल था, लेकिन अचानक यह खबर पूरे गांव को गमगीन कर गई। जवान की पत्नी, जो अपने पति के लौटने का इंतजार कर रही थीं, अब उनकी शहादत की खबर सुनकर बेसुध हैं।
आज शाम पहुंचेगा पार्थिव शरीर
शहीद का पार्थिव शरीर आज शाम तक उनके पैतृक गांव सारण पहुंचेगा। प्रशासन ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी की है। स्थानीय लोग और विभिन्न सामाजिक संगठन भी अंतिम दर्शन के लिए जुटेंगे।
गांव में शोक और गर्व का माहौल
गांव के लोग गम और गर्व के मिश्रित भाव से भरे हैं। हर किसी की आंखों में आंसू हैं, लेकिन दिल में इस वीर सपूत के प्रति गर्व भी है जिसने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को शहीद के परिवार की हर संभव मदद करनी चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर: क्या है ये मिशन?
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना का एक गुप्त मिशन था, जो हाल ही में जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में चलाया गया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकियों के ठिकानों का खात्मा करना और क्षेत्र में शांति बहाल करना था। इसी मिशन के दौरान जवानों को भारी मुठभेड़ का सामना करना पड़ा।
सेना और सरकार का बयान
भारतीय सेना ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि शहीद जवान का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। वहीं बिहार सरकार ने भी परिवार को शोक संवेदना प्रकट करते हुए आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है।
परिवार की आर्थिक स्थिति और भविष्य की चुनौतियां
शहीद जवान के पिता एक साधारण किसान हैं और मां गृहिणी। परिवार का अधिकांश दारोमदार इसी जवान पर था। अब उनके न रहने के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि हरसंभव सहायता दी जाएगी।
सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि की बाढ़
शहीद जवान के नाम पर सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि संदेशों की बाढ़ आ गई है। लोग उनके बलिदान को सलाम कर रहे हैं और परिवार को हिम्मत दे रहे हैं।
शहीदों के सम्मान में और क्या कदम उठाने की जरूरत?
विशेषज्ञों का मानना है कि शहीद जवानों के परिवारों के लिए दी जाने वाली सुविधाओं को और मजबूत करना चाहिए। पेंशन, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करना होगा।
श्रीनगर में शहीद हुए सारण के इस वीर जवान की शहादत न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। आज जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा, तब हजारों लोग उन्हें अंतिम विदाई देंगे। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।