
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई सितंबर माह की पहली बिहार कैबिनेट बैठक में राज्यवासियों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। इस बैठक में कुल 49 प्रस्तावों पर मंजूरी दी गई, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े अहम निर्णय शामिल हैं।
सबसे बड़ा फैसला ग्राम कचहरी सचिवों की सैलरी बढ़ाने और 7 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का रहा। इसके साथ ही बिहार सरकार ने राज्य में 1800 से ज्यादा शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों के सृजन को भी स्वीकृति दी है।
ग्राम कचहरी सचिव की सैलरी में बढ़ोतरी
बैठक में ग्राम कचहरी सचिवों को राहत देते हुए उनके मानदेय में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया। अब उन्हें पहले की तुलना में ज्यादा वेतन मिलेगा। इस फैसले से पंचायत स्तर पर कार्य कर रहे हजारों सचिवों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
ग्राम कचहरी सचिव ग्रामीण न्याय व्यवस्था का अहम हिस्सा हैं और लंबे समय से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे। अब सरकार ने उनकी मांग पूरी कर दी है।
Kmबिहार में खुलेंगे 7 नए मेडिकल कॉलेज
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और मेडिकल शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार ने राज्य में 7 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है।
इन कॉलेजों के शुरू होने से न केवल डॉक्टरों की कमी दूर होगी, बल्कि छात्रों को भी बिहार में ही मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
यह कदम बिहार को स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
1800 नए पदों को मंजूरी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरी के वादे को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट बैठक में 1800 से ज्यादा नए पदों के सृजन पर मुहर लगाई।
इन पदों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक दोनों स्तर शामिल हैं।
इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और शिक्षा संस्थानों में स्टाफ की कमी पूरी हो सकेगी।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम
कैबिनेट की बैठक में शिक्षा क्षेत्र के लिए भी कई अहम निर्णय लिए गए।
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नए पद सृजित होंगे।
स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया जाएगा।
शिक्षा ढांचे को और मजबूत बनाने पर सरकार का फोकस रहेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
7 नए मेडिकल कॉलेजों के अलावा स्वास्थ्य ढांचे को सुधारने के लिए अन्य प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिली।
इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ेगी और लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट बैठक में अन्य विभागों से जुड़े प्रस्ताव भी पारित हुए। इनमें बुनियादी ढांचे का विकास, ग्रामीण योजनाओं का विस्तार, प्रशासनिक सुधार और वित्तीय प्रबंधन जैसे बिंदु शामिल हैं।
राजनीतिक मायने
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो यह बैठक बिहार सरकार के लिए बेहद अहम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ संकेत दिया है कि उनकी प्राथमिकता शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ग्राम कचहरी सचिवों की सैलरी बढ़ाना और मेडिकल कॉलेज खोलना सीएम का बड़ा मास्टरस्ट्रोक है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों वर्गों में संदेश जाएगा कि सरकार जमीनी स्तर पर काम कर रही है।
युवाओं को रोजगार की उम्मीद
बिहार में बेरोजगारी हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है। सरकार के इस फैसले से युवाओं में नई उम्मीद जगी है।
1800 पदों की स्वीकृति और आने वाले महीनों में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से लाखों युवाओं को नौकरी की संभावना मिलेगी।
बिहार कैबिनेट की इस बैठक में लिए गए फैसले शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में नई दिशा देने वाले हैं।
विशेषकर ग्राम कचहरी सचिवों की सैलरी वृद्धि, 7 नए मेडिकल कॉलेज और 1800 पदों की स्वीकृति राज्य की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।
राजनीतिक रूप से भी ये फैसले जनता का विश्वास जीतने की कोशिश को दर्शाते हैं। आने वाले समय में इन योजनाओं का असर बिहार की सियासत पर भी देखने को मिलेगा।