
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे राज्य की राजनीति में हलचल और सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अंदरूनी राजनीति भी अब खुलकर सामने आने लगी है। केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे ने अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को PK यानी प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के आरोपों के बाद इस्तीफा देने की खुली सलाह देकर सियासी माहौल गरमा दिया है।
अश्विनी चौबे का सख्त बयान
अश्विनी चौबे ने कहा कि यदि सम्राट चौधरी ईमानदार हैं और PK के आरोप झूठे हैं तो उन्हें तुरंत जांच की मांग करनी चाहिए, अन्यथा पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। चौबे ने कहा कि जनता अब सब देख और समझ रही है, ऐसे में 2025 का चुनाव ईमानदारी और जवाबदेही पर ही लड़ा जाएगा।
PK का आरोप और राजनीतिक हलचल
प्रशांत किशोर (PK) ने हाल ही में एक जनसभा के दौरान BJP और सम्राट चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए थे। PK का कहना था कि बिहार की मौजूदा सरकार केवल सत्ता के लालच में बनी है और जनता के असली मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही। PK ने आरोप लगाया कि केंद्र से आने वाले फंड्स का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा और राज्य में बेरोजगारी व पलायन की समस्या जस की तस बनी हुई है।
इन आरोपों ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया और विपक्ष को भी हमलावर होने का मौका मिल गया। वहीं अब अश्विनी चौबे के बयान ने BJP के भीतर ही असहज स्थिति पैदा कर दी है।
BJP में अंदरूनी खींचतान?
Bihar Election 2025 को लेकर BJP की रणनीति अभी तक स्पष्ट नहीं दिख रही है। एक ओर मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पार्टी को मजबूत करने और NDA के सहयोगियों के साथ तालमेल बैठाने में जुटे हैं, तो दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता ही उनकी राह मुश्किल कर रहे हैं।
अश्विनी चौबे का यह बयान सीधे-सीधे पार्टी के भीतर असहमति को दर्शाता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP के भीतर गुटबाजी 2025 के चुनाव में बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
विपक्ष को मिला मुद्दा
राजद (RJD), कांग्रेस और वाम दल पहले ही BJP सरकार को घेरने में लगे थे। अब अश्विनी चौबे के बयान ने विपक्ष को और भी मजबूत हथियार थमा दिया है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि जब BJP के अपने ही नेता सरकार की नीतियों और मुख्यमंत्री पर सवाल उठा रहे हैं, तो जनता को समझना चाहिए कि हकीकत क्या है।
सम्राट चौधरी की प्रतिक्रिया
अश्विनी चौबे के इस बयान पर मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कड़ा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि BJP एक अनुशासित पार्टी है और चुनाव से पहले किसी भी नेता का निजी बयान पार्टी की आधिकारिक राय नहीं माना जाना चाहिए। सम्राट चौधरी ने PK के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि सरकार विकास और सुशासन के मुद्दे पर ही जनता के बीच जाएगी।
2025 के चुनाव पर असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद का सीधा असर चुनावी समीकरणों पर पड़ेगा।
1. BJP के भीतर असंतोष से संगठन कमजोर हो सकता है।
2. PK के आरोपों को विपक्ष चुनाव प्रचार में बड़े हथियार की तरह इस्तेमाल करेगा।
3. सम्राट चौधरी की छवि पर असर पड़ेगा, खासकर शहरी और युवा मतदाताओं के बीच।
4. NDA के सहयोगियों पर भी दबाव बढ़ सकता है।
जनता की प्रतिक्रिया
बिहार के कई इलाकों से मिल रही प्रतिक्रियाओं में लोग मान रहे हैं कि नेताओं को आपसी आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर विकास और रोजगार की दिशा में काम करना चाहिए। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर (X) और फेसबुक पर “सम्राट इस्तीफा दो” और “PK vs BJP” जैसे हैशटैग वायरल हो रहे हैं।
आगे क्या?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह विवाद BJP की मुश्किलें बढ़ा सकता है। यदि पार्टी इस अंदरूनी कलह को शांत नहीं कर पाई तो इसका सीधा असर वोट बैंक पर पड़ सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या अश्विनी चौबे अपने बयान पर कायम रहते हैं या फिर पार्टी नेतृत्व उन्हें शांत कराने में सफल होता है।