
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए बड़ा झटका सामने आया है। पार्टी के एक संभावित उम्मीदवार को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी न सिर्फ चिराग पासवान के लिए परेशानी का सबब बनी है, बल्कि बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार नेता पर वित्तीय अनियमितता और धमकी से जुड़े गंभीर आरोप हैं।
गिरफ्तारी से मचा सियासी तूफान
जानकारी के अनुसार, एलजेपी (रामविलास) के नेता और चिराग पासवान के करीबी माने जाने वाले [नेता का नाम — पुलिस सूत्रों के अनुसार गोपनीय रखा गया है] को बंगाल पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई एक पुराने धोखाधड़ी के केस में हुई है। पुलिस टीम ने गुरुवार देर रात उन्हें हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद औपचारिक गिरफ्तारी की पुष्टि की।
इस गिरफ्तारी की खबर सामने आते ही बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। विपक्षी दलों ने इसे “चिराग मॉडल” पर सवाल उठाने का मौका माना, वहीं एलजेपी कार्यकर्ताओं ने इसे राजनीतिक साजिश बताया।
पुलिस का दावा और कार्रवाई का आधार
बंगाल पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि गिरफ्तार नेता के खिलाफ आर्थिक धोखाधड़ी, जबरन वसूली और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप दर्ज हैं। पुलिस ने कहा कि यह मामला पिछले साल दर्ज किया गया था और जांच के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था।
पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि बिहार और बंगाल दोनों राज्यों की एजेंसियां इस केस में सहयोग कर रही हैं।
हालांकि, गिरफ्तारी के बाद अभी तक चिराग पासवान या उनकी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
चिराग पासवान की पार्टी में मचा हड़कंप
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इस समय चुनावी तैयारियों में पूरी तरह जुटी हुई है। पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने हाल ही में बिहार के कई जिलों का दौरा किया और उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने की घोषणा की थी। इसी बीच संभावित प्रत्याशी की गिरफ्तारी से पार्टी के रणनीतिकारों में बेचैनी बढ़ गई है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,
“यह गिरफ्तारी चुनावी माहौल खराब करने की साजिश है। हमारे नेता के खिलाफ झूठा केस बनाया गया है ताकि हमारी छवि को नुकसान पहुंचे।”
विपक्ष का पलटवार: “एलजेपी में अपराधी घुसपैठ”
राजद और जदयू नेताओं ने इस घटना को लेकर एलजेपी पर सीधा हमला बोला है।
राजद प्रवक्ता ने कहा,
राजद प्रवक्ता ने कहा,
“चिराग पासवान की पार्टी में ऐसे लोगों को टिकट देने की तैयारी हो रही है, जिन पर आपराधिक आरोप हैं। जनता अब समझ चुकी है कि एलजेपी किस तरह की राजनीति कर रही है।”
वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा,
“बिहार चुनाव में कुछ दल सुर्खियों में बने रहने के लिए विवादित चेहरों को आगे कर रहे हैं। कानून अपना काम करेगा।”
पार्टी के अंदर असंतोष और संभावित असर
गिरफ्तारी के बाद एलजेपी (रामविलास) के अंदर भी असंतोष की स्थिति पैदा हो गई है। कुछ कार्यकर्ताओं का मानना है कि पार्टी को ऐसे लोगों से दूरी बनानी चाहिए जिन पर कोई विवाद या आपराधिक छाया हो। वहीं, समर्थक यह कह रहे हैं कि जब तक कोर्ट दोषी साबित नहीं करता, तब तक किसी को अपराधी नहीं कहा जा सकता।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना का असर चिराग पासवान की चुनावी रणनीति पर पड़ सकता है, खासकर उन सीटों पर जहां वे नए चेहरों को मौका देना चाहते हैं।
बिहार चुनावी परिदृश्य पर प्रभाव
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। एक ओर महागठबंधन और एनडीए अपने पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश में हैं, वहीं चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) तीसरे विकल्प के रूप में उभरना चाहती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक,
“यह गिरफ्तारी चिराग पासवान के लिए नैतिक चुनौती है। हालांकि अगर वे इस मामले को पारदर्शिता से संभाल लेते हैं, तो इसका बड़ा राजनीतिक नुकसान नहीं होगा।”
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस गिरफ्तारी को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है। कुछ यूजर्स इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बता रहे हैं, तो कुछ लोग “कानून के डर से कोई ऊपर नहीं” जैसी टिप्पणियां कर रहे हैं।
ट्विटर (X) पर #ChiragPaswan और #BiharElections2025 जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं।
बिहार चुनाव 2025 से पहले यह गिरफ्तारी राज्य की राजनीति में नया मोड़ ले आई है।
अब देखना होगा कि चिराग पासवान इस संकट से कैसे निपटते हैं और क्या पार्टी इस मुद्दे को चुनावी मैदान में डैमेज कंट्रोल के तौर पर संभाल पाती है या नहीं।
एक बात तय है — बिहार की सियासत में हर गिरफ्तारी, हर बयान और हर रणनीति अब सीधे जनता के वोटों पर असर डालने वाली है।