
पटना:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) यानी LJPR के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बड़ा ऐलान किया है। चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी 29 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इस ऐलान के साथ ही उन्होंने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है।
चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार के विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी और जनता से “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” के संकल्प को लेकर वोट मांगेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी अब किसी के दबाव में नहीं, बल्कि अपनी नीतियों और विचारधारा के साथ जनता के बीच जाएगी।
LJPR की पहली लिस्ट जारी, इन 29 सीटों से लड़ेंगे उम्मीदवार
चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी की पहली सूची जारी की जिसमें 29 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए। इसमें कई नए चेहरे हैं, वहीं कुछ पुराने अनुभवी नेता भी शामिल किए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, हाजीपुर, समस्तीपुर, जमुई, लखीसराय, और मुजफ्फरपुर जैसी प्रमुख सीटों से एलजेपीआर के दिग्गज उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे।
सूत्रों के अनुसार,
हाजीपुर से अशोक चौधरी,
समस्तीपुर से रवि पासवान,
लखीसराय से अमित कुमार,
जमुई से मनीष चिराग,
मुजफ्फरपुर से सुधांशु राय
को टिकट दिया गया है।
बाकी जिलों की सीटों पर भी पार्टी ने जातीय समीकरण और स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है।
चिराग पासवान बोले — बिहार की जनता चाहती है बदलाव
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार की जनता इस बार विकास और स्वाभिमान पर वोट करेगी। उन्होंने कहा, “बिहार के लोग अब जात-पात और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर विकास की राजनीति चाहते हैं। हमारी पार्टी हर युवा, हर किसान, हर गरीब की आवाज बनेगी।”
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा और कहा कि 15 साल से बिहार में ठहराव की राजनीति हो रही है। अब राज्य को नई सोच और नई ऊर्जा की जरूरत है।
चिराग ने दावा किया कि उनकी पार्टी इस बार पहले से ज्यादा मजबूत स्थिति में है और कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाएगी।
NDA और महागठबंधन दोनों पर निशाना
चिराग पासवान ने NDA और महागठबंधन दोनों पर एक साथ हमला बोलते हुए कहा कि “दोनों ही गठबंधन जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। एक तरफ सत्ता का अहंकार है तो दूसरी तरफ वादाखिलाफी और भ्रम की राजनीति। हमारी पार्टी इस बार तीसरे विकल्प के रूप में उभरेगी।”
उन्होंने कहा कि LJPR का फोकस युवाओं, महिलाओं और किसानों पर रहेगा। चुनावी घोषणापत्र में बेरोजगारी, शिक्षा सुधार, स्वास्थ्य, और उद्योगों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ बनेगा मुख्य नारा
चिराग पासवान ने अपने पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान के आदर्शों को याद करते हुए कहा कि उनकी पार्टी “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” के नारे के साथ मैदान में उतरेगी।
उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि बिहार को देश के अग्रणी राज्यों की सूची में लाना है। युवाओं को रोजगार, किसानों को सम्मान और गरीबों को अवसर देना ही हमारी प्राथमिकता है।”
चिराग का जनसंपर्क अभियान तेज
एलजेपीआर ने चुनावी ऐलान के साथ ही राज्यभर में जनसंपर्क अभियान भी तेज कर दिया है। पार्टी के स्टार प्रचारक विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और घर-घर जाकर लोगों से संपर्क बना रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, चिराग पासवान खुद अगले हफ्ते से सीवान, गोपालगंज, दरभंगा, पूर्णिया और मधेपुरा में जनसभाएं करने वाले हैं। वहीं पार्टी सोशल मीडिया पर भी पूरी तरह सक्रिय है और डिजिटल अभियान के जरिए युवाओं तक पहुंच बना रही है।
राजनीतिक समीकरण पर नजरें टिकीं
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर चिराग पासवान की पार्टी 29 सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करती है तो बिहार की सत्ता समीकरण में बड़ा बदलाव संभव है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी चिराग पासवान की पार्टी किंगमेकर की भूमिका में रह सकती है। खासकर उन सीटों पर जहां मुकाबला त्रिकोणीय है, वहां एलजेपीआर के प्रत्याशी निर्णायक साबित हो सकते हैं।
LJPR की पूरी लिस्ट (मुख्य सीटें)
क्रमांक विधानसभा सीट उम्मीदवार का नाम
1 हाजीपुर अशोक चौधरी
2 समस्तीपुर रवि पासवान
3 जमुई मनीष चिराग
4 मुजफ्फरपुर सुधांशु राय
5 लखीसराय अमित कुमार
6 वैशाली सीमा देवी
7 दरभंगा आकाश वर्मा
8 पूर्णिया शशांक सिंह
9 मधेपुरा राकेश यादव
10 सीवान पंकज चौहान
(बाकी 19 सीटों की लिस्ट पार्टी की वेबसाइट पर जारी की गई है)
बिहार चुनाव 2025 में चिराग पासवान की पार्टी LJPR का यह कदम न सिर्फ नई राजनीतिक ऊर्जा लाने वाला है बल्कि राज्य की राजनीति में संतुलन भी बदल सकता है। 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि क्या चिराग पासवान बिहार में “तीसरी ताकत” बन पाएंगे या नहीं।