
पटना। बिहार चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों के बीच घोषणापत्र की होड़ तेज हो गई है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर एक बार फिर युवाओं और रोजगार के मुद्दे पर बड़ा दांव खेला है। पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को बिहार का सबसे बड़ा संकट बताते हुए कहा कि अगर आरजेडी की सरकार बनती है, तो हर परिवार में कम से कम एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी।
तेजस्वी यादव ने कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ सत्ता पाना नहीं है, बल्कि बिहार को आत्मनिर्भर बनाना है। बेरोजगारी आज राज्य का सबसे बड़ा मुद्दा है और इसे खत्म करना हमारी प्राथमिकता है।”
घोषणापत्र जारी करते हुए उन्होंने युवाओं को संबोधित किया और कहा कि “बिहार के युवाओं को अब पलायन नहीं करना पड़ेगा। हम राज्य में उद्योग और रोजगार दोनों लाएँगे। सरकारी विभागों में लाखों रिक्त पद भरे जाएंगे।”
आरजेडी के घोषणापत्र में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर भी विशेष फोकस किया गया है। पार्टी ने वादा किया है कि आने वाले पांच वर्षों में राज्य में एक लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, साथ ही अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों की कमी भी दूर की जाएगी।
मुख्य घोषणाएँ और वादे
1. हर घर रोजगार योजना: प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को रोजगार या स्वरोजगार का अवसर।
2. नई औद्योगिक नीति: राज्य में निवेश बढ़ाने और एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष नीति लागू होगी।
3. शिक्षा में सुधार: सरकारी स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम और स्मार्ट लर्निंग सिस्टम की शुरुआत।
4. स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव: हर जिले में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने की योजना।
5. महिला सुरक्षा और सम्मान: महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा बल और रोजगार में 33% आरक्षण।
6. किसानों को राहत: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद और ब्याज-मुक्त कृषि ऋण।
तेजस्वी यादव ने कहा कि “बिहार के युवाओं ने बहुत इंतजार किया है। हमारी कोशिश होगी कि हर प्रतिभाशाली युवक को यहीं अवसर मिले। हम सिर्फ वादे नहीं करेंगे, बल्कि उसका रोडमैप भी देंगे।”
घोषणापत्र जारी करने के दौरान आरजेडी नेताओं ने मौजूदा सरकार पर भी निशाना साधा। तेजस्वी यादव ने कहा, “पिछले 15 वर्षों में सरकार ने सिर्फ नारों का खेल खेला है। रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार पिछड़ गया है। अब बदलाव की जरूरत है।”
आरजेडी ने अपने घोषणापत्र में यह भी कहा है कि बिहार को “रोजगार मॉडल स्टेट” बनाने के लिए विशेष आयोग बनाया जाएगा, जो हर तीन महीने में प्रगति रिपोर्ट देगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आरजेडी ने इस घोषणापत्र के जरिए सीधा युवा वर्ग को टारगेट किया है। बेरोजगारी वर्तमान में बिहार का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है, और तेजस्वी यादव की यह रणनीति युवाओं को अपनी ओर खींचने में सफल हो सकती है।
तेजस्वी यादव ने एक भावनात्मक अपील भी की—“मैं खुद एक बिहारी नौजवान हूं। मैंने देखा है कि कैसे हमारे लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाते हैं। अब वक्त है कि बिहार के लोग अपने घर में काम करें, अपने गांव में विकास लाएँ।”
घोषणापत्र में “हर घर उद्योग” योजना का भी उल्लेख किया गया है, जिसके तहत स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने की बात कही गई है।
आरजेडी ने दावा किया कि उनकी योजनाएँ सिर्फ कागज़ पर नहीं रहेंगी, बल्कि जमीनी स्तर पर लागू होंगी। तेजस्वी यादव ने कहा कि वे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे ताकि जनता को भरोसा हो सके कि बदलाव संभव है।
बिहार चुनाव 2025 में आरजेडी की यह रणनीति राजनीतिक परिदृश्य को नया मोड़ दे सकती है। भाजपा और जेडीयू की संयुक्त सरकार के खिलाफ बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दे जनता में पहले से गूंज रहे हैं। ऐसे में तेजस्वी यादव का घोषणापत्र युवाओं के बीच बड़ी चर्चा का विषय बन गया है।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, देखना यह होगा कि आरजेडी के वादों का असर मतदाताओं पर कितना पड़ता है। क्या तेजस्वी यादव का “रोजगार मॉडल” बिहार की राजनीति में नई दिशा देगा या फिर यह चुनावी वादों तक ही सीमित रह जाएगा—यह आने वाला वक्त बताएगा।