
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को एक और बड़ा झटका लगा है। कैमूर जिले की मोहनियां सीट से आरजेडी विधायक संगीता कुमारी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस कदम से पार्टी के भीतर खलबली मच गई है और विपक्षी दलों में सियासी उत्साह देखने को मिल रहा है।
संगीता कुमारी के इस्तीफे को तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता और पार्टी की एकता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने पार्टी की नीतियों और स्थानीय संगठन की अनदेखी से नाराज होकर यह कदम उठाया है।
संगीता कुमारी ने तेजस्वी पर साधा निशाना
संगीता कुमारी ने अपने इस्तीफे में कहा कि पार्टी अब अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है। उन्होंने कहा कि,
“आज RJD में जमीनी कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं होती। पार्टी में वफादारी से ज्यादा चापलूसी चल रही है। मैंने लोगों की सेवा के लिए राजनीति में कदम रखा था, लेकिन अब पार्टी का एजेंडा केवल सत्ता तक सीमित रह गया है।”
उनके इस बयान से साफ है कि RJD के अंदर असंतोष की लहर बढ़ती जा रही है।
कई विधायकों में नाराजगी की खबरें
सिर्फ संगीता कुमारी ही नहीं, बल्कि पार्टी के कई विधायक और जिला स्तरीय नेता भी अंदरखाने नाराज बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि टिकट बंटवारे को लेकर अंदरूनी असंतोष तेज है। कई पुराने नेताओं को दरकिनार कर नए चेहरों को तरजीह दी जा रही है।
पिछले कुछ महीनों में RJD के दो अन्य विधायकों ने भी पार्टी से दूरी बनाई थी, जबकि कुछ नेताओं ने जदयू या कांग्रेस में शामिल होकर नई राजनीतिक पारी शुरू की थी।
तेजस्वी यादव की चुनौती बढ़ी
बिहार में विपक्ष का चेहरा माने जाने वाले तेजस्वी यादव के लिए यह इस्तीफा बड़ा झटका है। चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट रखना अब उनके लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
विश्लेषकों का कहना है कि RJD में लगातार टूट से जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है। पार्टी के युवा नेता और कार्यकर्ता भी अब खुलकर सवाल उठाने लगे हैं कि नेतृत्व स्तर पर संवाद की कमी क्यों है।
कैमूर की राजनीति में नई हलचल
मोहनियां विधानसभा क्षेत्र से संगीता कुमारी ने 2020 के चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी। वह क्षेत्र में लोकप्रिय चेहरा मानी जाती हैं। अब उनके पार्टी छोड़ने से क्षेत्र की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, वह जल्द ही किसी नए दल में शामिल हो सकती हैं। भाजपा और जदयू दोनों ने उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। हालांकि, संगीता कुमारी ने अभी तक किसी पार्टी में शामिल होने की औपचारिक घोषणा नहीं की है।
भाजपा ने कहा – ‘RJD में भगदड़ स्वाभाविक’
RJD में लगातार हो रही टूट पर भाजपा ने तंज कसा है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि,
“तेजस्वी यादव जिस तरह परिवारवाद और एकाधिकार की राजनीति चला रहे हैं, उसमें पार्टी का बिखरना तय है। जिन विधायकों को सम्मान नहीं मिलेगा, वे कब तक चुप रहेंगे?”
वहीं जदयू नेताओं का कहना है कि तेजस्वी यादव में नेतृत्व की परिपक्वता की कमी है, जिसके चलते पार्टी के वरिष्ठ नेता असंतुष्ट हैं।
RJD ने कहा – ‘विपक्षी साजिश का नतीजा’
दूसरी ओर RJD ने संगीता कुमारी के इस्तीफे को विपक्ष की साजिश बताया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा और जदयू मिलकर RJD को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि,
“कुछ लोग व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए पार्टी छोड़ रहे हैं, लेकिन जनता तेजस्वी यादव के साथ है। बिहार का जनादेश बदलाव के लिए तैयार है।”
बिहार की सियासत में नया समीकरण
बिहार चुनाव 2025 से पहले तेजस्वी यादव के लिए यह समय कठिन साबित हो रहा है। एक तरफ पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ एनडीए गठबंधन अपनी रणनीति को मजबूत कर रहा है।
अगर RJD में टूट का सिलसिला नहीं रुका, तो इसका सीधा असर पार्टी के वोट बैंक और उम्मीदवारों की संख्या पर पड़ सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस तरह के घटनाक्रम आने वाले महीनों में बिहार की राजनीति का स्वरूप बदल सकते हैं।