
रांची। बिहार चुनाव की तैयारियों को लेकर पूरे राज्य की राजनीति में हलचल तेज है। सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच झारखंड के वरिष्ठ भाजपा नेता और विधायक सीपी सिंह का बयान सुर्खियों में है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और भविष्य की दिशा तय करने का भी होगा।
बिहार चुनाव पर बढ़ी सियासी हलचल
बिहार चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक गतिविधियां चरम पर हैं। एनडीए, महागठबंधन और अन्य क्षेत्रीय दल मतदाताओं को साधने में जुटे हैं। इस बीच भाजपा विधायक सीपी सिंह का बयान चुनावी माहौल को और गरम कर गया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता इस बार जातिवाद और वादों की राजनीति से ऊपर उठकर विकास, रोजगार और सुशासन को ध्यान में रखकर वोट करेगी।
सीपी सिंह का बयान – “बिहार में बदलाव की लहर”
सीपी सिंह ने अपने बयान में स्पष्ट कहा कि बिहार में इस बार बदलाव की लहर है। जनता ने लंबे समय तक भ्रष्टाचार और बेरोजगारी का बोझ झेला है। अब समय आ गया है कि बिहार को नए रास्ते पर ले जाया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए गठबंधन ने देशभर में विकास का जो मॉडल पेश किया है, वही बिहार को भी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा – “बिहार के लोग आज बदलाव चाहते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार ही इस चुनाव के असली मुद्दे होंगे। बिहार को ऐसी सरकार चाहिए जो वादे न करे, बल्कि काम करके दिखाए।”
विपक्ष पर निशाना
सीपी सिंह ने विपक्षी दलों पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महागठबंधन केवल सत्ता पाने के लिए एकजुट हुआ है, लेकिन उनके पास न तो कोई ठोस योजना है और न ही विजन। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियां जाति और धर्म के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं, जबकि भाजपा विकास की राजनीति में विश्वास रखती है।
युवाओं और महिलाओं की भागीदारी पर जोर
विधानसभा चुनाव को लेकर सीपी सिंह ने युवाओं और महिलाओं की भूमिका पर भी बात की। उन्होंने कहा कि बिहार की आधी आबादी यानी महिलाएं और बड़ी संख्या में युवा इस बार निर्णायक भूमिका निभाएंगे। शिक्षा, सुरक्षा, रोजगार और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर भाजपा का फोकस रहेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। उसी तर्ज पर बिहार में भी महिलाओं को सशक्त बनाने का काम होगा।
बिहार-झारखंड की राजनीति का जुड़ाव
रांची में दिए गए बयान में सीपी सिंह ने यह भी कहा कि बिहार और झारखंड की राजनीति हमेशा से जुड़ी रही है। दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक संबंध गहरे हैं। ऐसे में बिहार चुनाव का असर झारखंड की राजनीति पर भी देखने को मिल सकता है।
मतदाताओं से अपील
सीपी सिंह ने जनता से अपील करते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी ताकत होती है। उन्होंने कहा – “मैं बिहार की जनता से आग्रह करता हूं कि वे जात-पात और लालच की राजनीति से बचें और सिर्फ विकास के मुद्दे पर वोट करें। अगर बिहार बदलता है तो पूरा पूर्वी भारत प्रगति की राह पर आगे बढ़ेगा।”
चुनावी समीकरण और रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का बिहार चुनाव कई मायनों में खास होगा। एक तरफ एनडीए सत्ता वापसी की कोशिश में है तो वहीं महागठबंधन सत्ता हथियाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। छोटे-छोटे दल भी समीकरण बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में नेताओं के बयानों का सीधा असर वोटरों के मूड पर पड़ेगा।
सीपी सिंह का बयान भाजपा की रणनीति को स्पष्ट करता है कि पार्टी इस बार भी विकास, रोजगार और सुशासन के मुद्दे पर जनता के बीच जाएगी।
बिहार चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है। भाजपा विधायक सीपी सिंह का यह बयान न केवल बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बना है, बल्कि झारखंड और पूरे पूर्वी भारत में चुनावी माहौल को और रोचक बना रहा है। अब देखना यह है कि जनता किसके साथ जाती है और कौन इस चुनावी रेस में बाजी मारता है।