बाद नीतीश कुमार पहली बार रविवार को हाजीपुर पहुंचे। इस दौरे को प्रशासनिक और औद्योगिक विकास के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हाजीपुर के तीन प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण किया और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से राज्य सरकार की नई प्राथमिकताओं के अनुसार कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निवेश, उद्योगों के विस्तार, रोजगार सृजन और आधारभूत संरचनाओं के विकास पर विशेष जोर दिया।

मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए पूरे हाजीपुर में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। स्थानीय प्रशासन, उद्योग विभाग और जिला अधिकारियों ने पहले से ही सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं। उद्योगों में काम कर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों से भी मुख्यमंत्री ने सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं, चुनौतियां और आवश्यकताओं को सुना।
पहला पड़ाव—फूड प्रोसेसिंग और पैकेजिंग यूनिट की समीक्षा
नीतीश कुमार ने सबसे पहले हाजीपुर के फूड प्रोसेसिंग और पैकेजिंग से जुड़े औद्योगिक क्लस्टर का दौरा किया। यह क्षेत्र न केवल स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि हाजीपुर को फूड प्रोसेसिंग हब बनाने की दिशा में काम करता है।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को सीधे उद्योगों से जोड़ने के लिए एक मजबूत सप्लाई चेन तैयार की जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की संख्या और क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान देगी ताकि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हों।
दूसरा पड़ाव—रामाश्रय नगर इंडस्ट्रियल एरिया
इसके बाद मुख्यमंत्री का काफिला रामाश्रय नगर इंडस्ट्रियल एरिया पहुंचा, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों का जायजा लिया। यह क्षेत्र हाजीपुर का एक प्रमुख इंडस्ट्रियल हब है, जहां मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग, प्लास्टिक और पैकेजिंग से जुड़े कई बड़े उद्योग चलते हैं।
निरीक्षण के दौरान नीतीश कुमार ने बुनियादी सुविधाओं के विकास पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने साफ कहा कि जिन औद्योगिक क्षेत्रों में वर्षो से कंपनियां काम कर रही हैं, वहां सड़क, बिजली, पानी और सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं में किसी भी तरह की कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इंडस्ट्रियल एरिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन के सभी लंबित कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। साथ ही उद्योगपतियों को भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनकी हर समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करेगी।
तीसरा पड़ाव—केंद्रीय सरकारी औद्योगिक इकाई का निरीक्षण
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने तीसरे और अंतिम पड़ाव में केंद्रीय सरकारी औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने मशीनरी, उत्पादन क्षमता, कर्मचारियों की स्थिति और उत्पाद की गुणवत्ता से संबंधित विस्तृत जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि बिहार के औद्योगिक विकास में केंद्र और राज्य सरकार दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हाजीपुर में मौजूद ये इकाइयां पूर्वी भारत के औद्योगिक नक्शे पर एक महत्वपूर्ण पहचान बना चुकी हैं। उन्होंने अधिकारियों से सुनिश्चित करने को कहा कि उत्पादन समय पर और गुणवत्ता के मानकों के अनुसार हो, ताकि बाजार में बिहार के उत्पादों की प्रतिष्ठा बढ़ सके।
रोजगार और निवेश पर मुख्यमंत्री का फोकस
निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य बिहार को निवेश के नए केंद्र के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा, “हमने जिन तीन औद्योगिक क्षेत्रों का निरीक्षण किया है, वहां रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। सरकार का प्रयास होगा कि इन क्षेत्रों में नई कंपनियों को आकर्षित किया जाए और पुराने उद्योगों की क्षमता को बढ़ाया जाए।”
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में बिहार में औद्योगिक नीति को और सशक्त बनाया जाएगा, ताकि देश और विदेश के निवेशकों को राज्य में व्यवसाय की बेहतर सुविधा मिल सके।
स्थानीय लोगों और उद्योगपतियों में उत्साह
मुख्यमंत्री के इस दौरे से स्थानीय लोगों और उद्योगों में उत्साह देखा गया। कई उद्योगपतियों ने बताया कि CM के निरीक्षण से उन्हें भरोसा मिला है कि राज्य सरकार औद्योगिक विकास को लेकर गंभीर है।
स्थानीय युवाओं ने उम्मीद जताई कि अगर यहां निवेश बढ़ता है, तो रोजगार के अवसर भी कई गुना बढ़ेंगे।
भ्रष्टाचार और लापरवाही पर सख्त निर्देश
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार या लापरवाही पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हाजीपुर का यह दौरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नए कार्यकाल का एक मजबूत संकेत माना जा रहा है। निरीक्षण के दौरान उनकी सक्रियता, उद्योगों से जुड़ी समस्याओं को समझने का प्रयास और रोजगार बढ़ाने की प्रतिबद्धता यह दर्शाती है कि आने वाले समय में बिहार औद्योगिक विकास के नए चरण में प्रवेश कर सकता है।
