छपरा ,बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी गलियारों में बयानबाज़ी का पारा चढ़ता जा रहा है। इस बार सबसे ज़्यादा चर्चित सीटों में से एक — छपरा सीट — सुर्खियों में है। इस सीट से भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव मैदान में हैं, जिन्होंने चुनावी बिगुल बजाते ही एनडीए और बीजेपी पर सीधा हमला बोल दिया है।
भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय चेहरे और अब राजनीतिक उम्मीदवार खेसारी लाल यादव ने कहा कि “बीजेपी और एनडीए को विकास से कोई लेना-देना नहीं है। चुनाव आते ही ये लोग मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुसलमान और पाकिस्तान की बात करने लगते हैं।” उन्होंने दावा किया कि जनता अब ऐसे मुद्दों से भ्रमित नहीं होगी और इस बार असली मुद्दों — रोज़गार, शिक्षा और विकास — पर वोट डालेगी।
खेसारी लाल यादव बोले – जनता अब समझ चुकी है खेल
छपरा में आयोजित जनसभा के दौरान खेसारी लाल यादव ने कहा, “हर चुनाव में एक ही स्क्रिप्ट दोहराई जाती है। जब भी वोट की बारी आती है, तो हिंदू-मुसलमान और मंदिर-मस्जिद के नाम पर जनता को बांटने की कोशिश होती है। लेकिन अब जनता समझदार हो चुकी है, वह झूठे वादों में नहीं फंसने वाली।”
उन्होंने आगे कहा, “छपरा के लोग रोजगार, शिक्षा और अस्पताल की उम्मीद रखते हैं। लेकिन बीजेपी सरकार ने पिछले 10 सालों में इन मुद्दों पर कुछ नहीं किया। सिर्फ भाषण और प्रचार के दम पर जनता को बरगलाया गया है।”
एनडीए पर भी साधा निशाना
खेसारी लाल यादव ने सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि पूरे एनडीए गठबंधन को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि “सत्ता के लालच में ये लोग एक-दूसरे के विरोधाभास को भूल जाते हैं। लेकिन चुनाव खत्म होते ही फिर से एक-दूसरे पर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं। यह राजनीति का नहीं बल्कि अवसरवाद का खेल है।”
उन्होंने जनता से अपील की कि इस बार बिहार को एक नया रास्ता दिखाने का मौका दिया जाए, ताकि राजनीति धर्म और जाति के दायरे से बाहर निकल सके।
भोजपुरी स्टार से जनता के बीच ‘नेता खेसारी’ की पहचान
भोजपुरी इंडस्ट्री में अपनी मेहनत और संघर्ष से पहचान बनाने वाले खेसारी लाल यादव अब राजनीति में भी वही ऊर्जा लेकर आए हैं। छपरा में उनकी लोकप्रियता किसी फिल्मी सितारे से कम नहीं है। जहां भी वह प्रचार के लिए जाते हैं, भारी भीड़ उमड़ पड़ती है।
उनके प्रशंसक “खेसारी भैया ज़िंदाबाद” के नारे लगाते हैं। कई लोग तो उन्हें ‘जनता का बेटा’ कहकर संबोधित करते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि खेसारी लाल यादव की लोकप्रियता और ज़मीनी जुड़ाव छपरा की सियासत में बड़ा असर डाल सकता है।
विपक्ष को मिला नया चेहरा
खेसारी लाल यादव का राजनीति में उतरना विपक्षी खेमे के लिए भी एक बड़ा उत्साहजनक कदम माना जा रहा है। उनकी साफ़-सुथरी छवि और जनता से जुड़ाव को देखते हुए कई लोग उन्हें बदलाव का प्रतीक मानते हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि “बिहार के ग्रामीण इलाकों में मनोरंजन जगत के लोगों का खास प्रभाव होता है। खेसारी की छवि ‘जनता के बीच के व्यक्ति’ की है, जो आम लोगों के दिलों में जगह बना सकती है।”
छपरा सीट बनी सियासी हॉटस्पॉट
बिहार की छपरा सीट इस बार चर्चा में इसलिए भी है क्योंकि यहां से कई दिग्गज नेता अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बीजेपी, राजद और अब खेसारी जैसे नए चेहरों के उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि यह सीट राज्य की दिशा तय करने वाली बन सकती है।
जनता के मुद्दों पर फोकस
खेसारी लाल यादव ने अपने भाषणों में बार-बार दोहराया कि वह राजनीति को मनोरंजन नहीं बल्कि सेवा के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा,
“मैं जनता के बीच से आया हूं, जनता के लिए काम करने आया हूं। अगर मौका मिला तो मैं यह साबित कर दूंगा कि राजनीति सिर्फ नेताओं के लिए नहीं, बल्कि जनता की भलाई के लिए भी की जा सकती है।”
उन्होंने बेरोज़गारी, किसानों की स्थिति, शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी सरकार को घेरा।
“गांवों में स्कूल तो हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी है। अस्पताल हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं। सड़कों पर विकास के नाम पर बस बोर्ड लगे हैं, काम नहीं।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बयान
खेसारी लाल यादव का यह बयान कि “चुनाव आते ही बीजेपी मंदिर-मस्जिद की राजनीति करने लगती है” सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
कई यूज़र्स ने इसे “जनता की आवाज़” बताया तो कुछ ने कहा कि “खेसारी ने सच्चाई बोलने की हिम्मत दिखाई।”
छपरा की इस गर्माती हुई सीट पर मुकाबला अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। एक तरफ बीजेपी अपनी परंपरागत पकड़ बचाने की कोशिश में है, तो दूसरी ओर खेसारी लाल यादव जैसे लोकप्रिय चेहरे ने मैदान में उतरकर समीकरण बदल दिए हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या भोजपुरी स्टार की लोकप्रियता सियासी जीत में बदल पाती है या नहीं — इसका फैसला नवंबर में होने वाले मतदान के बाद ही होगा।
