बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान किया है। पटना में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो मकर संक्रांति के दिन यानी 14 जनवरी को राज्य की सभी महिलाओं के खाते में एकमुश्त 30 हजार रुपये की राशि भेजी जाएगी।
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह योजना बिहार की माताओं और बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लाई जाएगी। उन्होंने मंच से कहा, “हमने वादा किया था कि रोजगार देंगे, अब हम यह भी वादा कर रहे हैं कि सरकार बनते ही हर महिला के खाते में 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।”
महिलाओं के लिए ‘सशक्त बिहार योजना’
तेजस्वी यादव ने इस नई घोषणा को ‘सशक्त बिहार योजना’ का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि यह राशि महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने, उनके छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन देने और परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए दी जाएगी।
उन्होंने कहा, “आज भी बिहार की महिलाएं घर और खेत दोनों संभालती हैं, लेकिन उन्हें उनका हक नहीं मिलता। हमारी सरकार आएगी तो हर बहन के चेहरे पर मुस्कान होगी।”
एनडीए पर तेजस्वी का हमला
अपने भाषण में तेजस्वी यादव ने एनडीए गठबंधन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले 18 वर्षों में बिहार की जनता को सिर्फ झूठे वादे और अधूरे सपने मिले हैं।
तेजस्वी ने कहा, “नीतीश कुमार और बीजेपी की सरकार ने नौजवानों से रोजगार छीना, किसानों की उपेक्षा की और महिलाओं को महंगाई की मार के सिवा कुछ नहीं दिया।”
उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन सरकार बनने पर हर जिले में महिला स्वसहायता केंद्र खोले जाएंगे ताकि महिलाएं स्थानीय उत्पादों से अपनी आमदनी बढ़ा सकें।

भीड़ से मिला जोरदार समर्थन
तेजस्वी यादव की इस घोषणा पर जनसभा में मौजूद लोगों ने जोरदार समर्थन दिखाया। सभा स्थल पर “तेजस्वी भइया जिंदाबाद” और “महिलाओं का अधिकार – 30 हजार उपहार” जैसे नारे गूंज उठे।
सभा में शामिल महिलाओं ने कहा कि यह वादा अगर पूरा होता है तो यह बिहार की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।
गया, नवादा, दरभंगा, सीतामढ़ी और भागलपुर समेत कई जिलों से आए कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी के इस ऐलान को “गेम चेंजर” बताया
चुनावी रणनीति में नया मोड़
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव का यह कदम महिलाओं और ग्रामीण वोट बैंक को साधने की रणनीति का हिस्सा है।
पिछले कुछ वर्षों में बिहार में महिला मतदाताओं की भागीदारी लगातार बढ़ी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2020 विधानसभा चुनाव में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक था।
ऐसे में मकर संक्रांति के मौके पर महिलाओं को आर्थिक लाभ का वादा महागठबंधन की चुनावी रणनीति को मजबूत कर सकता है।
तेजस्वी यादव की अन्य घोषणाएँ
तेजस्वी यादव ने पहले भी कई जनसभाओं में बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर वादे किए हैं।
उनके प्रमुख वादों में शामिल हैं:
हर साल 10 लाख सरकारी नौकरियाँ देने का वादा
किसानों को मुफ्त बिजली और सिंचाई की सुविधा
छात्रों को लैपटॉप और स्कॉलरशिप योजना
स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त दवाओं की उपलब्धता
अब महिलाओं के खाते में 30 हजार रुपये भेजने का नया ऐलान उनके चुनावी अभियान का सबसे बड़ा कार्ड माना जा रहा है।
महागठबंधन बनाम एनडीए: मुकाबला दिलचस्प
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास और स्थिरता के नाम पर वोट मांग रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव बेरोजगारी, महंगाई और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों को भुनाने में जुटे हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि तेजस्वी की यह नई घोषणा चुनाव के पहले चरण में महागठबंधन के पक्ष में माहौल बना सकती है।
तेजस्वी यादव का “मकर संक्रांति महिला सम्मान योजना” का ऐलान बिहार चुनाव 2025 की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है।
यह कदम न केवल महिला मतदाताओं को आकर्षित करेगा, बल्कि युवाओं और परिवारों के बीच भी एक सकारात्मक संदेश भेजेगा।
अब देखना यह होगा कि यह वादा मतदाताओं को कितना प्रभावित करता है और क्या यह ऐलान महागठबंधन को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचा पाता है या नहीं।
