
बिहार चुनाव 2025: मोतिहारी की जनसभा से पीएम मोदी भरेंगे चुनावी हुंकार, चंपारण की 24 सीटों पर नजर
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी अब जोर पकड़ने लगी है और इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 18 जुलाई को बिहार के दौरे पर आ रहे हैं। इस बार उनकी महत्वपूर्ण जनसभा मोतिहारी के गांधी मैदान में आयोजित की जा रही है, जिसे सत्ताधारी एनडीए गठबंधन आगामी चुनाव की दृष्टि से एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन मान रहा है।
पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के साथ-साथ शिवहर को मिलाकर कुल 24 विधानसभा सीटें हैं, जहां प्रधानमंत्री की सभा का सीधा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनावों में एनडीए ने चंपारण की अधिकतर सीटों पर कब्जा जमाया था। पूर्वी चंपारण की 12 में से 9 सीटों पर और पश्चिम चंपारण की 9 में से 8 सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की थी। वहीं शिवहर की एकमात्र सीट पर आरजेडी को सफलता मिली थी।
राजनीतिक समीकरणों के लिए अहम है पीएम मोदी की यह रैली
मोदी की यह रैली न सिर्फ एनडीए के लिए एकजुटता का संदेश देगी, बल्कि कार्यकर्ताओं में जोश भरने और विरोधियों को कड़ा संदेश देने के लिहाज से भी काफी अहम मानी जा रही है। बीजेपी, जेडीयू और सहयोगी दलों ने इस सभा को ऐतिहासिक बनाने की योजना बनाई है। हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं और आम जनता के जुटने की उम्मीद है।
कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा और तैयारियां पूरी
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। दरभंगा एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का विमान उतरेगा, जहां से वे हेलीकॉप्टर के माध्यम से मोतिहारी पुलिस लाइन पहुंचेंगे। वहां बनाए गए विशेष हेलीपैड पर उनका आगमन सुबह 10:50 बजे तय है। इसके बाद वह सड़क मार्ग से गुजरते हुए गांधी मैदान पहुंचेंगे, जहां वे जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे आमजन को हाथ जोड़कर अभिवादन भी करेंगे।
गांधी मैदान को सुरक्षा एजेंसी एसपीजी ने पूरी तरह से अपने घेरे में ले लिया है। स्थानीय पुलिस, विशेष बल और खुफिया एजेंसियों की तैनाती कर दी गई है। मैदान में मंच निर्माण, पंडाल, बैठने की व्यवस्था, पेयजल, मेडिकल सुविधा और यातायात व्यवस्था को लेकर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
नीतीश कुमार भी पहुंचे मोतिहारी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मोतिहारी पहुंच चुके हैं और सभा की तैयारियों का निरीक्षण कर रहे हैं। यह पीएम और सीएम की एक साथ साझा उपस्थिति भी दर्शाएगी कि बिहार में एनडीए चुनावी रणनीति के तहत पूरी एकजुटता से मैदान में उतर चुका है।
मोदी की यह रैली केवल एक चुनावी सभा नहीं, बल्कि चंपारण की जनता को सीधे संबोधित करने का एक बड़ा मंच बन रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि चंपारण की राजनीति में इस सभा का कितना प्रभाव पड़ता है और आने वाले दिनों में बिहार की सियासत किस दिशा में जाती है।
Disclaimer: यह रिपोर्ट राजनीतिक गतिविधियों पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचारों का उद्देश्य केवल समाचार सूचना देना है, न कि किसी राजनीतिक पक्ष का समर्थन या विरोध।