
बिहार में एक बार फिर सरकारी योजना से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, राज्य की एक जीविका दीदी के बैंक खाते में 10 हजार रुपये आने थे, लेकिन जब उन्होंने पासबुक अपडेट कराई तो देखकर हैरान रह गईं। खाते में 10 करोड़ रुपये की राशि दर्ज थी। यह मामला न सिर्फ गांव में, बल्कि अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है।
मामला बिहार के किसी सामान्य गांव का है, लेकिन इसने पूरे प्रशासनिक तंत्र को हिला दिया है। जानकारी के अनुसार, यह राशि राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण और आजीविका मिशन (JEEViKA) योजना के तहत आने वाली थी। जीविका समूह के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के अंतर्गत संबंधित महिला के खाते में 10,000 रुपये की सहायता राशि ट्रांसफर की जानी थी।
लेकिन जब खाते में 10,000 की जगह 10,00,00,000 रुपये (10 करोड़) की एंट्री दिखी, तो मामला अचानक सुर्खियों में आ गया। महिला ने तुरंत इस बात की जानकारी अपने जीविका समूह की अन्य सदस्यों और बैंक कर्मचारियों को दी। बैंक अधिकारियों ने जब जांच की तो पाया कि यह राशि गलती से ट्रांसफर हुई है या फिर किसी तकनीकी त्रुटि की वजह से यह गड़बड़ी हुई।
बैंक और प्रशासन की जांच शुरू
घटना की जानकारी मिलते ही बैंक प्रबंधन सक्रिय हो गया। संबंधित बैंक शाखा के प्रबंधक ने बताया कि इस लेन-देन की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह संभवतः सिस्टम एरर (system error) या डेटा अपलोडिंग की गलती हो सकती है।
वहीं, स्थानीय प्रशासन ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है। ब्लॉक और जिला स्तर के अधिकारी बैंक के संपर्क में हैं और मामले की जांच की जा रही है।
जीविका समूह ने दी जानकारी
जीविका समूह की सदस्यों ने बताया कि यह महिला पिछले कई वर्षों से समूह से जुड़ी हैं और उन्हें हाल ही में सरकारी अनुदान के तहत 10 हजार रुपये की मंजूरी मिली थी। लेकिन इतनी बड़ी राशि देखकर सभी हैरान रह गए।
“हम तो सोच ही नहीं सकते थे कि इतने पैसे किसी खाते में गलती से भी आ सकते हैं। पहले तो लगा कि किसी ने मजाक किया है, लेकिन पासबुक में देखकर सब दंग रह गए,” एक जीविका दीदी ने बताया।
प्रशासन ने दी चेतावनी
जिला प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यदि किसी के खाते में गलती से राशि ट्रांसफर हो जाती है, तो उसे तुरंत बैंक को सूचना देनी चाहिए। इस राशि का प्रयोग करना कानूनी रूप से अपराध माना जाएगा।
बैंक के अधिकारियों ने महिला को समझाया कि वह इस राशि को न निकालें और न ही किसी भी प्रकार का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करें। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह रकम कुछ ही समय में सिस्टम से वापस ले ली जाएगी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबर
जैसे ही यह खबर फैली, सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा में आ गया। कई लोगों ने इस पर मजाकिया टिप्पणियां कीं, तो कुछ ने सरकारी सिस्टम की लापरवाही को जिम्मेदार बताया। कुछ यूजर्स ने इसे “डिजिटल इंडिया की गलती” कहा, तो कुछ ने “किस्मत का खेल” बताकर टिप्पणी की।
विशेषज्ञों की राय
बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की गलती प्रायः बैंकिंग सर्वर या फाइल अपलोडिंग त्रुटि के कारण होती है। कभी-कभी बड़ी संख्या में ट्रांजैक्शन करते समय डेटा मिसमैच होने से राशि गलत खाते में चली जाती है।
ऐसे मामलों में बैंक तुरंत रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करता है और RBI के नियमों के तहत ग्राहक को सूचित कर राशि वापस ली जाती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
बिहार राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (BRLPS) से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इस घटना की रिपोर्ट मांगी है। प्राथमिक जांच में यह मामला तकनीकी गलती का प्रतीत होता है।
अधिकारी ने बताया, “हमारी टीम बैंक के साथ मिलकर इसकी जांच कर रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।”
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गांव में यह खबर आग की तरह फैल गई। लोग घरों से निकलकर महिला के घर पहुंचने लगे। कई लोग कहने लगे कि “अब तो हमारी दीदी करोड़पति बन गईं।” हालांकि, महिला ने साफ किया कि वह इस पैसे को छूने तक नहीं देंगी क्योंकि यह सरकारी गलती से आया है।
यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि डिजिटलीकरण और बैंकिंग सिस्टम में सुधार के बावजूद तकनीकी खामियां अब भी मौजूद हैं। सरकार और बैंक को ऐसे मामलों से सबक लेकर डेटा सुरक्षा और भुगतान प्रणाली में और सुधार की आवश्यकता है।