बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की ऐतिहासिक जीत ने राज्य की सियासत में नया अध्याय खोल दिया है। जैसे ही नतीजों ने बहुमत के साथ एक मजबूत जनादेश को स्पष्ट किया, पटना में सरकार गठन की गतिविधियां तेजी से बढ़ गईं। एनडीए खेमे में जीत की खुशी तो है ही, साथ ही भविष्य की रणनीति को लेकर बैठकों का दौर लगातार जारी है। इस बीच एक अहम राजनीतिक घटना शुक्रवार को देखने को मिली जब एलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की। यह मुलाकात न सिर्फ औपचारिक थी बल्कि आने वाले राजनीतिक समीकरणों की दिशा भी तय करती दिखी।

चिराग-नीतीश मुलाकात ने बढ़ाई राजनीतिक हलचल
एनडीए की शानदार जीत के बाद चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं ने लगभग आधे घंटे तक बातचीत की। मुलाकात के बाद चिराग ने मीडिया से कहा कि ये बैठक केवल “जीत की खुशी साझा करने” और “जनता के प्रति जिम्मेदारियों को दोहराने” के लिए थी।
नीतीश कुमार ने भी चिराग पासवान की भूमिका और जनाधार की सराहना की। दोनों नेताओं के चेहरे पर जीत की चमक साफ दिख रही थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात केवल शुभकामना आदान-प्रदान भर नहीं थी, बल्कि नए सत्ता समीकरण की मजबूत कड़ी भी है। एनडीए में चिराग पासवान की बढ़ती भूमिका, युवा नेतृत्व और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए आने वाले दिनों में एलजेपी की हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
एनडीए में तालमेल और सीट बंटवारे पर भी चर्चा की अटकलें
हालांकि आधिकारिक रूप से दोनों नेताओं ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि सरकार गठन में विभागों और सत्ता साझेदारी पर भी प्राथमिक स्तर की बात हुई है।
यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि एनडीए के भीतर पहले से ही कुछ दलों के बीच सीटों और विभागों को लेकर असंतुष्टि की खबरें आती रही हैं।
ऐसे में चिराग और नीतीश की बैठक को गठबंधन की मजबूती और बेहतर तालमेल की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
चिराग पासवान का बढ़ता कद — NDA में युवा चेहरा
चुनाव में एलजेपी (रामविलास) ने अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन करते हुए एनडीए की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। चिराग पासवान अपनी आक्रामक चुनावी रणनीति और युवाओं को जोड़ने वाले एजेंडे की वजह से नए “युवा आइकॉन” के रूप में उभरे हैं।
बीते कुछ वर्षों में उनके राजनीतिक सफर में काफी उतार-चढ़ाव रहे, लेकिन इस चुनाव ने साफ किया कि बिहार की राजनीति में चिराग को अब हल्के में नहीं लिया जा सकता। एनडीए के शीर्ष नेताओं का भी मानना है कि आने वाले दिनों में केंद्र और राज्य, दोनों स्तरों पर चिराग की भूमिका और मजबूत होगी।
नीतीश कुमार का अनुभव और चिराग का युवा नेतृत्व — NDA में संतुलन
नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में अनुभव, प्रशासनिक क्षमता और गठबंधन प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। दूसरी ओर चिराग पासवान युवा ऊर्जा, आक्रामक रणनीति और आधुनिक राजनीतिक शैली का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस मुलाकात ने एनडीए में दो पीढ़ियों के नेतृत्व के बीच एक सकारात्मक तालमेल का संदेश दिया है।
सरकार गठन पर अंतिम रणनीति — अगले 48 घंटे अहम
सूत्रों के अनुसार एनडीए में मंत्रिमंडल की संरचना को लेकर चर्चाएं अंतिम चरण में हैं। नीतीश कुमार एक संतुलित और अनुभवी टीम बनाना चाहते हैं, वहीं चिराग पासवान चाहते हैं कि युवा चेहरों और नई सोच को बड़ा प्रतिनिधित्व मिले।
अगले 48 घंटे सरकार गठन को लेकर बेहद महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं, क्योंकि शनिवार से मंत्रिमंडल के संभावित नामों की सूची सार्वजनिक हो सकती है।
जनादेश का सम्मान — विकास होगा प्राथमिक एजेंडा
मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच राज्य में विकास के एजेंडा पर भी विस्तृत चर्चा हुई। चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में युवाओं, किसानों, महिलाओं और गरीब तबके के लिए योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
नीतीश कुमार ने भी भरोसा दिलाया कि आने वाले पाँच साल बिहार विकास के नए दौर का परिचय देंगे।
एनडीए की बड़ी चुनौती — एकजुट रहना
हालांकि चुनाव परिणाम बेहद मजबूत आए हैं, लेकिन चुनौतियां कम नहीं हैं।
गठबंधन को एकजुट रखना
जनता की अपेक्षाओं को पूरा करना
बेरोजगारी, स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून-व्यवस्था पर तेज काम
इन सभी मोर्चों पर एनडीए को मिलकर काम करना होगा।
चिराग पासवान और नीतीश कुमार की मुलाकात ने बिहार की राजनीति में नया सियासी मैसेज दिया है। एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद यह मुलाकात गठबंधन की मजबूती और भविष्य की राजनीति का संकेत मानी जा रही है।
अब सबकी निगाहें सरकार गठन और मंत्रिमंडल में होने वाले प्रमुख फैसलों पर टिकी हैं, जो आने वाले पांच वर्षों की दिशा तय करेंगे।
