
Bihar News: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल-बांग्लादेश के नागरिकों की घुसपैठ! 1 अगस्त से शुरू होगी जांच, कपिल सिब्बल बोले- चुनाव आयोग बन गया है ‘कठपुतली’।
बिहार की राजनीति में बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के हवाले से सामने आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की मतदाता सूची में नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों के नाम दर्ज पाए गए हैं। इस मामले ने प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है।
अब इस गंभीर विषय की जांच के लिए 1 अगस्त 2025 से विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी कर दिए हैं कि ऐसे फर्जी मतदाताओं की पहचान कर कार्रवाई की जाए, ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था की पारदर्शिता बनी रहे।
अफसरों के हवाले से सामने आया बड़ा खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निर्वाचन आयोग के कुछ अफसरों ने बताया है कि बिहार की कुछ सीमावर्ती विधानसभाओं में वोटर लिस्ट की जांच के दौरान विदेशी नागरिकों की मौजूदगी पाई गई है। खासकर नेपाल और बांग्लादेश से आए लोगों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं, जिनके पास भारत की नागरिकता नहीं है।
यह मामला इसलिए और संवेदनशील हो गया है क्योंकि इससे चुनाव की वैधता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
1 अगस्त से शुरू होगा व्यापक सत्यापन अभियान
इस विषय की गंभीरता को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने फैसला लिया है कि 1 अगस्त से राज्यभर में वोटर लिस्ट की गहन जांच शुरू की जाएगी। संबंधित जिला अधिकारियों, बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) और प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे संदिग्ध मतदाताओं की पहचान करें और सबूतों के आधार पर उन्हें सूची से हटाएं।
यह जांच विशेष रूप से उन इलाकों में केंद्रित होगी, जो भारत-नेपाल और भारत-बांग्लादेश सीमा से लगे हुए हैं, जैसे किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, सुपौल, सीतामढ़ी आदि।
कपिल सिब्बल का तीखा हमला – “चुनाव आयोग अब सरकार की कठपुतली”
इस पूरे मामले को लेकर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा,
> “चुनाव आयोग अब सरकार की कठपुतली बन चुका है। अगर विदेशी नागरिक वोटर लिस्ट में हैं, तो यह आयोग की विफलता है। इसपर ईमानदार कार्रवाई की बजाय राजनीतिक एजेंडे के तहत मुद्दे उठाए जा रहे हैं।”
सिब्बल ने यह भी कहा कि इस तरह की खबरें लोकतंत्र को कमजोर करती हैं और आम जनता के मन में चुनाव प्रक्रिया को लेकर संदेह पैदा करती हैं।
विपक्ष ने भी उठाए सवाल, भाजपा बोली- सख्त कार्रवाई जरूरी
इस खबर के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं कि आखिर अब तक इन नामों को कैसे नजरअंदाज किया गया।
वहीं भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए मांग की है कि हर फर्जी वोटर को सूची से हटाया जाए और जांच के बाद जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
बिहार की मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों के नाम दर्ज होने की खबर से न केवल राज्य बल्कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि यह व्यवस्थागत चूक है या किसी साजिश का हिस्सा।
लेकिन इतना तय है कि इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है, और 2025 के चुनावी माहौल को गर्मा दिया है।
डिस्क्लेमर: यह खबर विभिन्न मीडिया स्रोतों और आधिकारिक बयानों पर आधारित है। जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर पहुँचना उचित नहीं होगा।