
Bihar News: चिराग पासवान को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार, इंस्टाग्राम पर दी थी धमकी – 20 जुलाई को उड़ा दूंगा।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को जान से मारने की धमकी देने वाला युवक बेगूसराय से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर खुलेआम धमकी देते हुए लिखा था कि वह 20 जुलाई को बम से उड़ा देगा।
यह मामला सामने आते ही पुलिस और खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया। चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्री होने के नाते ‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है, ऐसे में यह धमकी सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
इंस्टाग्राम पर दी थी धमकी, लिखा- “20 जुलाई को बम से उड़ा दूंगा”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी ने चिराग पासवान के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा:
> “20 जुलाई को अपने हाथों से बम से उड़ा दूंगा।”
इस कमेंट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसके बाद पासवान समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई। मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत इसकी शिकायत दर्ज की गई और पुलिस व साइबर सेल की टीम जांच में जुट गई।
बेगूसराय से की गई गिरफ्तारी
जांच के दौरान आरोपी की पहचान कर ली गई और बेगूसराय जिले से उसे गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने धमकी को मज़ाक बताया, लेकिन पुलिस इस बयान को गंभीरता से जांच रही है कि कहीं इसके पीछे कोई गहरी साजिश तो नहीं।
पुलिस ने आरोपी के मोबाइल, सोशल मीडिया अकाउंट और अन्य डिजिटल डिवाइस को जब्त कर लिया है ताकि उसके नेटवर्क और मंशा का पता लगाया जा सके।
चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ाई गई
घटना के बाद चिराग पासवान की सुरक्षा में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है। गृह मंत्रालय को भी मामले की जानकारी दे दी गई है और केंद्रीय एजेंसियां भी इस धमकी को गंभीरता से ले रही हैं।
पार्टी के प्रवक्ताओं ने इसे केवल एक मजाक नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया है। उन्होंने मांग की है कि आरोपी पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि इस तरह की हरकतें दोबारा न हो सकें।
राजनीतिक गलियारों में प्रतिक्रिया
इस धमकी के बाद बिहार और देश की राजनीति में हलचल मच गई है। कई नेताओं ने चिराग पासवान को समर्थन देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं लोकतंत्र की मर्यादा को ठेस पहुंचाती हैं और सोशल मीडिया की स्वतंत्रता का दुरुपयोग करती हैं।
कुछ विपक्षी नेताओं ने भी यह सवाल उठाया है कि सोशल मीडिया पर निगरानी और साइबर सेल की सक्रियता आखिर इतनी कमजोर क्यों है कि सार्वजनिक मंचों पर इस तरह की धमकियां खुलकर दी जा रही हैं।
चिराग पासवान को मिली धमकी ने न केवल उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पर भी चर्चा छेड़ दी है।
गिरफ्तारी के बावजूद यह मामला चेतावनी है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निगरानी को और मजबूत किए जाने की जरूरत है, ताकि देश के नेताओं और आम नागरिकों की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ न हो सके।
डिस्क्लेमर: यह खबर विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस सूत्रों पर आधारित है। मामले की जांच जारी है और अंतिम निष्कर्ष जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगा।