नव निर्वाचित 18वीं विधानसभा के पहले सत्र के शुरू होने से पहले ही Bharatiya Janata Party (भाजपा) के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार को नए विधानसभा स्पीकर बनाये जाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। राज्य की राजनीति में इस कदम को एक बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

प्रेम कुमार इस बार लगातार नौवीं बार विधायक बने हैं — उन्होंने गया टाउन सीट से जीत दर्ज की है। उनका विधानसभा का लंबा अनुभव और पार्टी में वरिष्ठता उन्हें स्पीकर पद के लिए मजबूती से अग्रिम पंक्ति में खड़ा करती है।
1990 में पहली जीत से अब तक का उनका 35 साल का विधानसभा सफर रहा है, जिसमें उन्होंने कई बार जीत हासिल की है और विपक्ष या कांग्रेस के दावों को हमेशा खारिज किया है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों और गठबंधन दलों के बीच पहले चले मंथन के बाद भी, भाजपा ने स्पीकर का दावा मजबूत किया। गठबंधन साथी Janata Dal (United) (जदयू) से चर्चा के बाद, इस बार स्पीकर पद भाजपा को ही देने पर मोहर लगती दिख रही है।
इसलिए राजनीतिक समीकरण, वरिष्ठता और अनुभव सभी मिलकर प्रेम कुमार की दावेदारी को मजबूत बना रहे हैं।
प्रक्रिया: नामांकन से चुनाव तक का क्रम
1 दिसंबर, 2025 से 18वीं बिहार विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है। पहले दिन 243 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जा रही है, जिसके लिए पहले एक प्रोटेम स्पीकर का नाम तय किया गया — इस बार यह जिम्मेदारी नरेंद्र नारायण यादव को सौंपी गई है।
उसी दिन यानी आज (1 दिसंबर) स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल किया जाएगा। इसके बाद नाम वापसी की अवधि चलेगी। इसके अगले दिन, 2 दिसंबर, सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर का चुनाव कराया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने विधायी दल की बैठक में अपना नाम तय कर लिया है — और पार्टी के वरिष्ठ व अनुभवी नेता प्रेम कुमार आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस दौरान भाजपा की अन्य प्रस्तुतियाँ, सीट-बंटवारे और गठबंधन समझौते को देखते हुए यह फैसला हुआ है।
स्पीकर प्रेम कुमार के नाम पर क्या असर होगा
विधानसभा में अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता स्पीकर होंगे — इससे विधायी कार्यों, सदन संचालन और गठबंधन के अंदर तथा सदन में भाजपा की पकड़ मजबूत होगी।
उनकी लंबी राजनीतिक यात्रा और अनुभव, सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद कर सकती है।
यह कदम भाजपा के लिए भी एक रणनीतिक जीत है — क्योंकि स्पीकर पद आमतौर पर गठबंधन में अहम माना जाता है।
संभावित विपक्ष / असंतोष और समीकरण
हालांकि, प्रत्येक गठबंधन में संतुलन बनाए रखना चुनौती होती है। जदयू का दमदार दल होने के बावजूद उसने स्पीकर का दावा पीछे खींच लिया — इसलिए आगे दलों के बीच संतुलन बनाये रखना, विधायी कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखना, और गठबंधन समझौतों को मजबूत करना BJP–जदयू दोनों के लिए जरूरी होगा।
नवगठित 18वीं बिहार विधानसभा सत्र के पहले ही चरण में, भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार स्पीकर पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। 1 दिसंबर को नामांकन, 2 दिसंबर को संभावित चुनाव — इस सुचारू प्रक्रिया के साथ बिहार विधानसभा में नया अध्याय शुरू होगा।
