
रांची/पटना। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि आयोग निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहा है और सत्ताधारी दल के दबाव में फैसले ले रहा है। राहुल गांधी के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है। सत्ताधारी दल और विपक्ष एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं।
राहुल गांधी का बड़ा आरोप
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि “चुनाव आयोग को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए, न कि किसी पार्टी विशेष के प्रति। आज हालात यह हैं कि आयोग की कार्रवाई जनता के विश्वास को तोड़ रही है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आयोग कई राज्यों में विपक्षी नेताओं की शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहा है और चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सत्तापक्ष का पलटवार
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राहुल गांधी के बयान को बेतुका करार दिया। बिहार भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस नेता केवल राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। “चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है और उसके कामकाज पर सवाल उठाना लोकतंत्र की जड़ों पर हमला है।”
सत्ताधारी दल ने यह भी कहा कि राहुल गांधी बार-बार ऐसे बयान देकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
बिहार की राजनीति में हलचल
बिहार की राजनीति में इस बयान का असर साफ दिखा। महागठबंधन के नेताओं ने राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्ष की आवाज दबाने के लिए आयोग पर दबाव बनाया जा रहा है।
राजद (RJD) नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाना जरूरी है क्योंकि कई मौकों पर पक्षपात साफ दिखता है।
जेडीयू (JDU) नेताओं ने हालांकि अलग रुख अपनाते हुए कहा कि राहुल गांधी का बयान केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश है।
विपक्ष की रणनीति और जनता का मूड
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान विपक्षी गठबंधन की रणनीति का हिस्सा है। विपक्ष अब चुनाव आयोग और संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता को बड़ा मुद्दा बना रहा है।
बिहार के आम लोग भी इस पर चर्चा कर रहे हैं। एक ओर कुछ लोग राहुल गांधी की बातों से सहमत हैं तो वहीं दूसरी ओर कई लोग मानते हैं कि बार-बार संस्थाओं पर सवाल उठाना देश के लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
इतिहास गवाह है…
यह पहली बार नहीं है जब किसी नेता ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हों। अतीत में भी कई बार विपक्षी पार्टियों ने ऐसे आरोप लगाए हैं। लेकिन हर बार आयोग ने अपने कामकाज को सही ठहराया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है।
आगे क्या?
राहुल गांधी के बयान के बाद अब बिहार में राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो गई है। माना जा रहा है कि आने वाले चुनावों में विपक्ष इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएगा। वहीं सत्तापक्ष इसे केवल ‘राजनीतिक नाटक’ बताकर खारिज करेगा।
जनता के मन में यह सवाल जरूर है कि आखिर लोकतंत्र की सबसे बड़ी संस्था पर ऐसे आरोप क्यों बार-बार लगते हैं और क्या चुनाव आयोग अपनी पारदर्शिता पर उठ रहे सवालों का ठोस जवाब देगा।
राहुल गांधी के आरोपों ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। जहां एक तरफ विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर जनता को लुभाने की कोशिश कर रहा है, वहीं सत्तापक्ष इसे कांग्रेस की हताशा बता रहा है।
अब देखना होगा कि इस सियासी जंग में जनता किसे सही मानती है और चुनाव आयोग अपनी छवि को कैसे बचाता है।