
हादसा बन सकता था बड़ी त्रासदी
बिहार के नालंदा जिले में सोमवार देर रात नई दिल्ली–राजगीर श्रमजीवी एक्सप्रेस (Shramjeevi Express) दो हिस्सों में बंट गई। ट्रेन का कपलिंग अचानक टूट जाने से पीछे के डिब्बे पटरी पर रुक गए जबकि इंजन आगे बढ़ता रहा। गनीमत रही कि हादसा धीमी रफ्तार में हुआ, अन्यथा यह बड़ा रेल हादसा साबित हो सकता था।
यात्रियों में मची अफरातफरी
ट्रेन जैसे ही दो हिस्सों में बंटी, यात्रियों में हड़कंप मच गया।
लोग चीखते-चिल्लाते बाहर झांकने लगे।
कई यात्री तुरंत चेन पुलिंग करने लगे, जिससे इंजन वाला हिस्सा भी कुछ दूरी पर जाकर रुक गया।
करीब 15 मिनट तक अफरातफरी का माहौल रहा।
हादसे की जगह और समय
यह घटना पटना–बख्तियारपुर सेक्शन के पास रात करीब 12:40 बजे हुई।
श्रमजीवी एक्सप्रेस (Train No. 12391/12392) उस वक्त नई दिल्ली से राजगीर की ओर आ रही थी।
घटना के समय ट्रेन में लगभग 1500 यात्री सवार थे।
रेलवे अधिकारियों का बयान
पूर्व मध्य रेलवे (ECR) के अधिकारियों ने बताया कि –
कपलिंग टूटने की वजह से डिब्बे अलग हो गए।
तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी गई और तकनीकी टीम मौके पर भेजी गई।
डिब्बों को जोड़कर ट्रेन को आगे रवाना किया गया।
हादसे में किसी भी यात्री को चोट नहीं आई।
यात्रियों की आपबीती
अचानक जोरदार झटका लगा और ट्रेन के पीछे वाले डिब्बे रुक गए।
लोगों को लगा कि ट्रेन पटरी से उतर गई है।
परिवार और बच्चों के साथ सफर कर रहे लोग काफी डर गए।
कई यात्रियों ने इसे अपनी जिंदगी का सबसे डरावना रेल सफर बताया।
बड़ा हादसा क्यों टला?
घटना उस वक्त हुई जब ट्रेन धीमी गति (40-45 km/h) से गुजर रही थी।
यदि यह हादसा 100 km/h की रफ्तार पर होता तो कई डिब्बे पलट सकते थे।
उस समय पटरियों पर कोई दूसरी ट्रेन नहीं थी, वरना मुकाबला (Collision) हो सकता था।
श्रमजीवी एक्सप्रेस का महत्व
श्रमजीवी एक्सप्रेस बिहार–दिल्ली के बीच सबसे व्यस्त और लोकप्रिय ट्रेनों में से एक है।
यह ट्रेन राजगीर, पटना, बख्तियारपुर, वाराणसी, लखनऊ होते हुए नई दिल्ली जाती है।
रोज हजारों यात्री इस ट्रेन से सफर करते हैं, खासकर छात्र, मजदूर और नौकरीपेशा लोग।
हादसों का इतिहास और रेलवे सुरक्षा
भारत में ट्रेन हादसे अक्सर तकनीकी खराबी, पटरियों की समस्या और मानवीय त्रुटि की वजह से होते हैं।
2023 का बालासोर ट्रेन हादसा (Odisha) जिसमें 290 से अधिक लोग मारे गए, अब तक का सबसे बड़ा हादसा माना जाता है।
श्रमजीवी एक्सप्रेस की इस घटना ने रेलवे की मेंटेनेंस प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
ट्रेनों की नियमित जांच क्यों नहीं होती?
क्या रेलवे यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है?
क्या पुराने डिब्बों और कपलिंग्स को बदलने की जरूरत नहीं है?
रेल विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय रेलवे को हाई-स्पीड रेल सुरक्षा मानकों के हिसाब से अपनी तकनीक सुधारनी होगी।
सरकार और रेलवे की प्रतिक्रिया
रेल मंत्री ने घटना की रिपोर्ट तलब की है और कहा है कि –
दोषियों पर कार्रवाई होगी।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए विशेष टीम बनाई जाएगी।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
ट्विटर (X) पर #ShramjeeviExpress ट्रेंड करने लगा।
लोग सरकार से सुरक्षित यात्रा की मांग करने लगे।
कई यात्रियों ने रेल प्रशासन को धन्यवाद दिया कि समय रहते हादसा टल गया।
भविष्य के लिए सबक
भारतीय रेलवे को नए कोच, आधुनिक कपलिंग सिस्टम और स्वचालित सुरक्षा तकनीक अपनानी चाहिए।
हर लंबी दूरी की ट्रेन के साथ रिजर्व इंजन और टेक्निकल टीम की तैनाती जरूरी है।
यात्रियों को सुरक्षा ड्रिल और इमरजेंसी ट्रेनिंग भी दी जानी चाहिए