
पटना। बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने नई पार्टी बनाने का एलान कर दिया है। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम “जनशक्ति जनता दल” (JJD) रखा है। यह घोषणा उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए की। तेज प्रताप यादव ने कहा कि यह पार्टी बिहार में संपूर्ण बदलाव लाने और युवाओं, किसानों, गरीबों और महिलाओं की आवाज़ बुलंद करने के लिए बनाई गई है।
तेज प्रताप यादव लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रहे हैं, लेकिन वे कई बार अपने बयानों और अलग अंदाज को लेकर सुर्खियों में रहे। अब उन्होंने खुद की राजनीतिक पार्टी बनाकर यह साफ कर दिया है कि वे अपनी अलग राजनीतिक राह चुन चुके हैं।
तेज प्रताप यादव का एलान और राजनीति में नया मोड़
तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश जारी कर कहा,
> “आज बिहार में एक नई राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हो रही है। जनशक्ति जनता दल सिर्फ एक पार्टी नहीं बल्कि जनता की ताकत और बदलाव का प्रतीक बनेगी। हमारा लक्ष्य है – भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सामाजिक असमानता को खत्म करना।”
उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी जनता की असली आवाज बनेगी और जाति-धर्म से ऊपर उठकर संपूर्ण विकास पर ध्यान देगी।
जनशक्ति जनता दल की विचारधारा
1. युवा सशक्तिकरण: तेज प्रताप यादव ने कहा कि पार्टी युवाओं को रोजगार और अवसर उपलब्ध कराने पर काम करेगी।
2. किसानों का विकास: कृषि को मजबूत करना और किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाना उनकी प्राथमिकता होगी।
3. महिलाओं की भागीदारी: राजनीति और रोजगार में महिलाओं को विशेष स्थान देने की बात कही गई है।
4. भ्रष्टाचार विरोधी अभियान: पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने का दावा कर रही है।
5. शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर: बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना भी पार्टी के एजेंडे में शामिल है।
क्या होगा आरजेडी पर असर?
तेज प्रताप यादव पहले से ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का हिस्सा रहे हैं। वे मंत्री भी रह चुके हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनकी दूरी पार्टी से बढ़ती गई। अब नई पार्टी के गठन के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या इसका असर आरजेडी के वोट बैंक पर पड़ेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप यादव के पास अपनी अलग युवा और सोशल मीडिया फॉलोइंग है, लेकिन वे अकेले कितना जनसमर्थन जुटा पाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
बिहार की राजनीति में तीसरे मोर्चे की तलाश
बिहार की राजनीति लंबे समय से दो ध्रुवों – एनडीए और महागठबंधन – के इर्द-गिर्द घूम रही है। ऐसे में तेज प्रताप यादव की नई पार्टी तीसरे विकल्प के रूप में उभर सकती है। खासकर वे युवा मतदाताओं को आकर्षित करना चाहते हैं, जो बदलाव की तलाश में हैं।
जनता का रिएक्शन
तेज प्रताप यादव के इस एलान के बाद सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है।
कुछ लोगों का कहना है कि वे अपने दम पर चुनावी राजनीति में सफल नहीं हो पाएंगे।
वहीं, उनके समर्थक इसे “नई क्रांति” बता रहे हैं।
युवा वर्ग का एक हिस्सा तेज प्रताप को “युवा नेता” और “भविष्य का चेहरा” मान रहा है।
तेज प्रताप यादव का राजनीतिक सफर
जन्म: 1988, पटना
पिता: लालू प्रसाद यादव (पूर्व मुख्यमंत्री और RJD सुप्रीमो)
मां: राबड़ी देवी (पूर्व मुख्यमंत्री)
राजनीति में आगाज: 2015 विधानसभा चुनाव, महुआ सीट से जीत
मंत्री पद: स्वास्थ्य मंत्री (2015-2017)
खास पहचान: हमेशा बेबाक बयान और अनोखे अंदाज के कारण चर्चा में
अब वे अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के जरिए राजनीतिक भविष्य आजमाने जा रहे हैं।
चुनावी समीकरण में बदलाव
तेज प्रताप यादव की नई पार्टी का सीधा असर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के समीकरणों पर पड़ेगा।
महागठबंधन के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि यादव वोट बैंक में बिखराव हो सकता है।
एनडीए भी इस पर नजर बनाए हुए है, क्योंकि विपक्षी वोटों के बंटवारे से उसे फायदा हो सकता है।
वहीं, छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी नई संभावनाएं तलाश सकते हैं।
बिहार की राजनीति हमेशा से ही बदलाव और नए प्रयोगों की गवाह रही है। अब तेज प्रताप यादव की नई पार्टी जनशक्ति जनता दल इस राजनीति में नया अध्याय जोड़ रही है। यह पार्टी कितनी बड़ी ताकत बन पाएगी, यह आने वाले चुनाव में ही साफ होगा। लेकिन इतना तय है कि तेज प्रताप यादव ने अपने राजनीतिक सफर में एक बड़ा कदम उठा लिया है।