
Bihar: तेजस्वी यादव का बीजेपी पर तीखा हमला, बोले- “वोटर लिस्ट से नाम कटवाकर लोकतंत्र का गला घोंट रही है बीजेपी”
बिहार। में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच वोटर लिस्ट रिवीजन का मुद्दा गरमा गया है। इस मसले पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी जानबूझकर मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटवा रही है ताकि चुनावी समीकरण अपने पक्ष में कर सके। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताया है।
बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। इस बार निशाने पर है वोटर लिस्ट रिवीजन, जिसे लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने सत्ताधारी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “कल्पना कीजिए, आपका नाम मतदाता सूची से ही गायब कर दिया जाए और आपको पता भी न चले। यह कोई छोटी बात नहीं, बल्कि लोकतंत्र के मूल अधिकार पर हमला है।”
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार साजिश के तहत उन क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम हटवा रही है, जहां राजद और महागठबंधन को मजबूत समर्थन मिला हुआ है। उन्होंने कहा, “यह पूरा ऑपरेशन योजनाबद्ध ढंग से हो रहा है। अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है ताकि विशेष समुदायों और वर्गों के वोट काटे जा सकें।”
तेजस्वी ने सवाल उठाया कि जब मतदाता सूची की रिवीजन प्रक्रिया चल रही है, तब आम लोगों को सही जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है? उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।
तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची से नाम हटाने के पीछे राजनीतिक गणित को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी को मालूम है कि जिन इलाकों में सामाजिक न्याय और गरीबों की बात करने वाली ताकतें मजबूत हैं, वहां से उसे वोट नहीं मिलते। इसलिए वहां के मतदाताओं का नाम सूची से काटना ही बीजेपी की रणनीति है। उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर यह सिलसिला नहीं रुका तो जनता सड़कों पर उतरेगी।”
राजद नेता ने राज्य के युवाओं, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और दलित-पिछड़े वर्ग के लोगों से अपील की कि वे अपने वोटर आईडी और नाम की स्थिति की जांच जरूर करें। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि आपके संवैधानिक अधिकार का मामला है।”
हालांकि बीजेपी की ओर से अभी तक तेजस्वी के आरोपों पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी इन आरोपों को पूरी तरह निराधार मानती है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि वोटर लिस्ट रिवीजन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिसमें आयोग की निगरानी होती है। उन्होंने तेजस्वी यादव के बयान को “चुनावी हताशा” करार दिया।
चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल:
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग को सिर्फ निर्देश जारी करने से आगे बढ़कर जमीनी स्तर पर हो रही गड़बड़ियों की जांच करनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि सभी जिलों में मतदाता सूची की पारदर्शी ऑडिट कराई जाए और जहां भी गड़बड़ी मिले, वहां कार्रवाई की जाए।
तेजस्वी ने जनता से आग्रह किया कि वे खुद मतदाता सूची में अपना नाम जांचें। इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “अगर आपको लगता है कि आपका नाम सूची से हटाया गया है, तो तुरंत संबंधित बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) से संपर्क करें और शिकायत दर्ज कराएं।”
बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्माई हुई है और इस बार मुद्दा है लोकतंत्र का सबसे मूल तत्व—मतदाता का अधिकार। तेजस्वी यादव के आरोप गंभीर हैं और अगर इनमें सच्चाई है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और राजनीतिक दल इसे आगामी चुनाव में किस तरह भुनाते हैं।